मानसून का आगमन: कैसे पहचानें?

प्राकृतिक संकेत: धरती की ऊष्मा 200 वॉट प्रति वर्ग मीटर से कम होनी चाहिए.

हवा की दिशा: दक्षिण-पश्चिम से आने वाली हवाएं.

पहली बारिश: हल्की से मध्यम बारिश का शुरू होना.

आर्द्रता में वृद्धि: जमीन से 4 किमी ऊंचाई तक नमी होनी चाहिए.

जानवरों का व्यवहार: पक्षियों का घोंसले में लौटना.

वैज्ञानिक तरीके: उपग्रह और रडार से डेटा विश्लेषण.

IMD की भविष्यवाणी: मानसून की समय और क्षेत्रवार जानकारी.

क्षेत्रीय प्रभाव: केरल से शुरू होकर उत्तर भारत तक.