फर्जी वोटिंग की दुश्मन चुनावी स्याही,  जानिए कैसे बनती है 

चुनावी स्याही मतदान के दौरान उंगली पर लगाई जाती है ताकि फर्जी वोटिंग रोकी जा सके.

इसे इंडेलिबल इंक भी कहा जाता है, जो कई दिनों तक मिटता नहीं है.

यह स्याही कर्नाटक की मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड द्वारा बनाई जाती है.

सिल्वर नाइट्रेट केमिकल इस स्याही के लिए उपयोग किया जाता है.

यह भारत के अलावा दुनियाभर में 30 से अधिक देशों में इस्तेमाल होती है.

इस स्याही को सिर्फ सरकारी कामों के लिए ही बेचा जाता है.

इसका इस्तेमाल पहली बार 1962 के लोकसभा चुनाव में किया गया था.