Bangladesh Protest: बांग्लादेश में पिछले 10 दिनों से बवाल हो रहा है. आरक्षण विरोधी आंदोलन ने अब सांप्रदायिक रूप ले लिया है. हजारों बांग्लादेशी हिन्दू भारतीय सीमा पर ठहरे हुए हैं. वो किसी भी हाल में भारत में प्रवेश चाहते हैं, लेकि बीएसएफ ने कहा है कि अवैध घुसपैठ नहीं होने देंगे. इस बीच पड़ोसी मुल्क की अंतरिम सरकार ने मीडिया चैनलो को चेतावनी दी है. बांग्लादेशी सरकार ने कहा है कि गलत या भ्रामक खबरें प्रकाशित या प्रसारित करेंगे तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा. यह कदम गलत सूचना के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है.
“जब मीडिया सच्चाई को सामने नहीं लाता तो राष्ट्र लड़खड़ा जाता है”
अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने राजारबाग सेंट्रल पुलिस अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात के दौरान कहा, “जब मीडिया सच्चाई को सामने नहीं लाता तो राष्ट्र लड़खड़ा जाता है.” ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मीडिया ने भ्रामक खबरें पेश की तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा. जब मीडिया ईमानदारी से रिपोर्ट करने में विफल रहता है तो देश बिगड़ जाता है.”
उन्होंने तर्क दिया कि अगर मीडिया ने घटनाओं की सही रिपोर्टिंग की होती तो मौजूदा स्थिति से बचा जा सकता था. उन्होंने कहा, “मीडिया अक्सर सच्चाई को नजरअंदाज कर देता है. टॉक शो में ठोस चर्चा की कमी होती है और मीडिया सही जानकारी देने में विफल रहता है.” इस बीच, डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा कि हाल ही में छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान इंटरनेट बंद करने में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं नाहिद ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान इंटरनेट बंद करने के लिए जिम्मेदार लोगों को परिणाम भुगतने होंगे.
यह भी पढ़ें: बारिश की फुहारों में ही डूब गया Tej Pratap Yadav का घर, लठ लेकर पानी में चलते दिखे RJD नेता, वायरल हो रहा है VIDEO
इंटरनेट शटडाउन मानवाधिकारों का उल्लंघन: नाहिद
उन्होंने कहा कि इंटरनेट तक पहुंच एक अधिकार है और इसे बाधित करना या बंद करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है. नाहिद ने कहा कि अंधाधुंध इंटरनेट शटडाउन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हसीना सरकार के खिलाफ हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान बांग्लादेश में बार-बार इंटरनेट बंद हुआ. सैकड़ों लोगों की मौत हुई है, वहीं हजारों लोग बेघर हो गए हैं. डेली स्टार अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में इलाज कराना पड़ा है.
बताते चलें कि बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को 30 फीसदी आरक्षण देने के खिलाफ छात्रों ने पूरे देश में उत्पात मचा दिया है. इस बीच शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देकर देश से निकल जाना ही उचित समझा. फिलहाल हसीना नई दिल्ली में हैं. दूसरी ओर बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है.