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800 साल पुरानी परंपरा निभाने रक्षाबंधन के 5 दिन पहले शुरू हो जाती है तैयारी, क्यों खास है बस्तर की ये राखी?

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बस्तर में राखी की अनूठी परंपरा

Rakhi 2025: इस साल 9 अगस्त 2025 को देश भर में भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा का धागा बांधती हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर में राखी का पर्व अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में 800 पुरानी परंपरा के तहत रक्षाबंधन मनाया जाता है. जानिए क्या है यहां की अनूठी परंपरा-

दंतेश्वरी मंदिर में रक्षाबंधन की अनोखी परंपरा

दंतेवाड़ा के प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर में रक्षाबंधन की एक अनूठी परंपरा 800 सालों से चली आ रही है. यहां रक्षाबंधन के मौके पर मां दंतेश्वरी को कच्चे सूत की राखी बांधी जाती है. माता रानी के लिए यह राखी खुद मंदिर के सेवादार मंदिर परिसर में ही बनाते हैं और इसे बनाने में करीब 5 दिन लगते हैं. यहां माता रानी और मंदिर के अन्य देवी-देवताओं को राखी बांधने के बाद ही जिले में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है.

5 दिन पहले से शुरू हो जाती है तैयारी

रक्षाबंधन से पहले सेवादार मंदिर परिसर में रहकर कच्चे सूत से राखी तैयार करते हैं. इसके बाद शंकनी-डंकनी नदी के जल से राखी को धोया जाता है और बांस की टोकनी में रखकर उस पर लाल रंग चढ़ाया जाता है. पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के पुजारी इस राखी को मां दंतेश्वरी की प्रतिमा पर अर्पित करते हैं. फिर मंदिर परिसर में मौजूद अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर भी राखी चढ़ाई जाती है.

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मां दंतेश्वरी को राखी बांधने के बाद जिले में मनाया जाता है त्योहार

इसके बाद ही दंतेवाड़ा जिले में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. यह अनोखी परंपरा केवल दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में देखने को मिलती है. बस्तरवासियों की माता दंतेश्वरी के प्रति गहरी श्रद्धा के कारण रक्षाबंधन के दौरान इस रस्म में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं और महाआरती भी की जाती है. मान्यता है कि दंतेश्वरी माई बस्तर की आराध्य देवी हैं और यहां सभी त्योहार पहले मंदिर में मनाए जाते हैं.

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