CG News: छत्तीसगढ़ के करीब 4 लाख 50 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के नेतृत्व में राज्यभर के कर्मचारी 29 दिसंबर से 31 दिसंबर तक विरोध-प्रदर्शन करेंगे. फेडरेशन ने साफ कर दिया है कि यदि इस दौरान भी लंबित मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.
सरकार कर रही कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज
फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार लंबे समय से कर्मचारियों की जायज मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है. कई बार ज्ञापन सौंपे गए, बैठकें और संवाद भी हुए, लेकिन इसके बावजूद किसी भी मांग पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई. इसी उपेक्षा और अनदेखी से नाराज कर्मचारियों ने अब निर्णायक संघर्ष का रास्ता अपनाने का फैसला किया है.
22 अगस्त को भी किया था जिला स्तर धरना प्रदर्शन
पदाधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 22 अगस्त को जिला स्तर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद सरकार की ओर से केवल आश्वासन मिला, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई पहल नहीं हुई. अब पूरे प्रदेश में आंदोलन की विस्तृत रणनीति तैयार कर ली गई है और कर्मचारी एकजुट होकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी में हैं.
केंद्र सरकार से जो सुविधांए मिलनी थी वो नहीं मिली
फेडरेशन के अनुसार, राज्य में लगभग 4 लाख 50 हजार कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत हैं, जिनमें से करीब 4 लाख 10 हजार नियमित कर्मचारी हैं. पदाधिकारियों का आरोप है कि केंद्र सरकार की ‘मोदी की गारंटी’ के तहत कर्मचारियों को जो सुविधाएं मिलनी थीं, वे अब तक पूरी नहीं की गईं. खास तौर पर महंगाई भत्ता और DA एरियर्स को लेकर कर्मचारियों में भारी असंतोष है. फेडरेशन का कहना है कि बातचीत के सभी रास्ते आजमाए जा चुके हैं, लेकिन हर बार कर्मचारियों को निराशा ही मिली है. ऐसे में अब आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
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