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CG News: राज्यपाल के कार्यक्रम में जा रहा युवक हुआ हादसे का शिकार, VVIP ड्यूटी में थी एंबुलेस, गाड़ी नहीं मिलने से घायल की चली गई जान

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शव रखकर प्रदर्शन कर रहे परिजन

CG News: अंबिकापुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से पहाड़ी कोरवा जनजाति परिवार के एक युवक की एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से मौत हो गई. वह राज्यपाल के कार्यक्रम में जाने के लिए निकला था.

हादसे में घायल युवक, एंबुलेस नहीं मिलने पर गई जान

युवक को अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भर्ती कराया गया था, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे रायपुर रेफर कर दिया था लेकिन अस्पताल से वेंटीलेटर वाला एंबुलेंस नहीं मिला. 24 घंटे बाद जब राज्यपाल के वीआईपी दौर से जब वेंटीलेटर वाला एंबुलेंस मेडिकल कॉलेज अस्पताल वापस लौटा तब अस्पताल प्रबंधन में युवक को रेफर किया, लेकिन जब वह रायपुर पहुंचा तब डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

परिजनों ने शव रखकर किया प्रदर्शन

इसके बाद मृतक युवक के परिजनों को वहां से भी शव वापस ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिला और परिजन ₹9,000 किराया में शव वाहन लेकर अंबिकापुर पहुंचे, इसके बाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष बाल कृष्ण पाठक के नेतृत्व में परिजनों ने अंबिकापुर मेडिकल कालेज में शव रखकर प्रदर्शन किया. पुलिस चौकी के सामने परिजनों ने शव रख दिया और एक घंटे तक शव वहीं पड़ा रहा, इसके बाद अंबिकापुर के एसडीएम मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिजनों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बातचीत की, तब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए क्योंकि मृतक के पांच बच्चे हैं.

राज्यपाल के कार्यक्रम में जा रहा था युवक

मृतक के परिजनों ने बताया कि उनके क्षेत्र में राज्यपाल का आगमन हुआ था और अपने एक साथी के साथ मृतक गुड्डू बाइक पर सवार होकर शामिल होने के लिए जा रहा था. इसी दौरान सड़क में गड्ढा भरने के लिए क्रेशर का डस्ट सड़क पर डंप किया गया था, उसे गड्ढे में नहीं फैलाया गया था और उसी की वजह से युवक का बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इससे गुड्डू गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके बाद उसे इलाज के लिए अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था यहां डॉक्टरों ने उसका इलाज किया लेकिन सिर में गंभीर चोट की वजह से उसे रायपुर रिफर कर दिया. अस्पताल से रेफर करने के बाद एंबुलेंस नहीं मिला अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि अस्पताल में सिर्फ एक ही वेंटीलेटर वाला एंबुलेंस और इसे सामान्य एंबुलेंस से रेफर नहीं किया जा सकता, दूसरी तरफ जो एक वेंटीलेटर वाला एम्बुलेंस है, उसे राज्यपाल के ड्यूटी में भेज दिया गया था.

24 घंटे के बाद राज्यपाल जब सरगुजा से चले गए तब मेडिकल कॉलेज अस्पताल वेंटिलेटर वाला एंबुलेंस पहुंचा और इस एंबुलेंस से गंभीर रूप से घायल युवक को रायपुर भेजा गया लेकिन जैसे ही युवक वहां पहुंचा डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया, हैरानी की बात तो यह है कि इसके बाद वेंटीलेटर वाला एंबुलेंस वापस वहां से लौट गया और फिर परिजनों ने किराए से शव वाहन लिया और इस वाहन में शव को रखकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया.

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इस पूरे मामले में सबसे दुखद यह है कि एक तो समय पर एंबुलेंस नहीं मिला और दूसरा जब उसकी मौत हो गई तब भी उसे शव वाहन उपलब्ध नहीं हो सका जबकि रायपुर के मेकाहारा अस्पताल प्रबंधन उसे शव वाहन उपलब्ध करा सकता था. यही वजह रही कि कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लपक लिया और कांग्रेस नेताओं ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.

वहीं पूरे मामले में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आरसी आर्य का कहना है कि एंबुलेंस राज्यपाल के VIP ड्यूटी में गया हुआ था तो दूसरी तरफ जब वह वापस लौटी इसके बाद मरीज को इस एंबुलेंस से रेफर किया गया हालांकि जब उनसे सवाल किया गया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन निजी सेक्टर से किराए में लेकर गंभीर मरीज को रेफर करने के बाद भी क्यों नहीं भेजा, इस सवाल पर वे कहने लगे कि मरीज की हालत रेफर करने लायक नहीं थी उसे कुछ देर स्थिर रखना था.

कैसे हुआ हादसा?

यह सड़क हादसा बलरामपुर जिले के राजपुर क्षेत्र स्थित ग्राम सिधमा में हुआ था, मृतक गुड्डू मदनेश्वरपुर गांव का रहने वाला था, बताया गया है कि पीएम जन मन योजना के तहत बने आवास की चाबी राज्यपाल सौंपने वाले थे इसलिए वह राज्यपाल के कार्यक्रम में जा रहा था लेकिन सड़क हादसा हो गया. वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने राज्यपाल के आगमन को देखते हुए सड़क के गड्ढे को भरने के लिए क्रेशर का डस्ट सड़क पर गिरवाया था, जिसे गड्ढे में नहीं डाला गया था और उसी डस्ट की वजह से हादसा हुआ.

अनुविभागीय अधिकारी अंबिकापुर फागेश सिन्हा अस्पताल परिसर में प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद पहुंचे इस दौरान उन्होंने परिजनों की बात सुनी और कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. उन्होंने शव वाहन का ₹9000 प्रशासन के द्वारा वहन करने की बात कही.

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