CG News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में धर्मांतरण के मामले में लगातार कार्रवाई जारी है. एसपी को हटाए जाने के बाद अन्तागढ़ एसडीएम और आमाबेड़ा तहसीलदार को भी हटा दिया गया है. वहीं 24 दिसंबर यानी कल सर्व समाज ने बंद बुलाया है.
कांकेर हिंसा के बाद SP का भी ट्रांसफर
कांकेर जिले के आमबेड़ा क्षेत्र में हुई हिंसक घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना रहा और पुलिस व्यवस्था को लेकर भी काफी आलोचना हुई थी. बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद कांकेर की एसपी आईपीएस इंदिरा कल्याण एलेसेला का तबादला कर दिया गया. उन्हें पुलिस उप महानिरीक्षक, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल उत्तरी रेंज सरगुजा की जिम्मेदारी दी गई. वहीं अब एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.
कांकेर हिंसा के बाद लोगों में काफी गुस्सा
कांकेर में मौत के बाद एक शख्स के शव दफनाने को लेकर विवाद हो गया था.विवाद इतना बढ़ा कि इसका असर ना सिर्फ कांकेर, बल्कि पूरे राज्य में देखने को मिला. कांकेर में दो समुदाय आमने-सामने आ गए और हिंसा के बाद हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. इसके बाद से ही इलाके के लोगों में काफी गुस्सा है.
छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान
कल यानी 24 दिसंबर को सर्व समाज ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है. सर्व समाज के पदाधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. सर्व समाज के डॉ. सुनील साहू ने कहा कि धन के सहारे कांकेर में धर्म परिवर्तन की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. इसमें पुलिस की निष्क्रियता दिखाई जा रही है. सरकार से मांग है कि धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून लगाया जाए. इसलिए 24 दिसंबर को सुबह 6 बजे से दोपहर 3 बजे तक बंद का आह्वान किया गया है.
छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने भी छत्तीसगढ़ बंद का समर्थन किया है. एसोसिएशन ने कांकेर जिला में हुई घटना की कड़ी आलोचना की है. छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के “छत्तीसगढ़ बंद” का पूर्ण समर्थन किया है.
जानिए क्या है पूरा मामला
कांकेर जिले के आमबेड़ा इलाके में एक सरपंच ने धर्म परिवर्तन किया था. धर्म परिवर्तन के बाद सरपंच के पिता की मौत हो गई. मौत के बाद सरपंच ने पिता के शव को खेत में दफना दिया. शव दफनाने को लेकर दो पक्ष भिड़ गए. हिंसा इतनी भड़की की स्थानीय लोगों ने तीन चर्च जला दिए. वहीं हिंसक प्रदर्शन के बाद गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है.
ये भी पढ़ें: हिंदी निबंध में फेल हो गए थे विनोद कुमार शुक्ल, मां की प्रेरणा ने बनाया दिग्गज साहित्यकार
