CG News: छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर कांकेर जिले की खूबसूरत वादियों में एक हिल स्टेशन छिपा हुआ है. इसका नाम धारपारुम है. पहली बार विस्तार न्यूज़ ने धारपारुम हिल स्टेशन की खूबसूरत तस्वीरें दिखाई थीं. हमारी खबर दिखाई जाने के बाद आज कांकेर कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर जिला पंचायत सीईओ हरेश मंडावी और जिला पंचायत सदस्य मृदुला भास्कर समेत कांकेर प्रशासन की टीम धारपारुम पहुंची.
कलेक्टर बोले- पक्का रास्ता बनवाएंगे
कांकेर कलेक्टर ने कहा कि कांकेर जिले में छिपे इस प्यारे से जगह के बारे में पता चला है. बहुत प्यारी लोकेशन है. सबसे महत्वपूर्ण बात गांव के लोगो ने यहां साफ-सफाई रखी है. गांव वालों ने इसे डेवलप करने की बात कही है. कच्चा रास्ता से यहां पहुंचा जा सकता है यहां पहुचने के लिए पक्का रास्ता उपलब्ध कराएंगे इसे पर्यटन के क्षेत्र में डेवलपमेंट किया जाएगा. आने वाले समय मे कांकेर की पहचान धारपारुम के रूप में होगी.
यह सैलानियों को करेगा आकर्षित
प्राकृतिक सौंदर्य और नैसर्गिक खूबसूरती से परिपूर्ण कांकेर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में अपार एवं असीम संभावनाएं हैं. यहां कई ऐसे स्थान भी हैं, जो सैलानियों को अपनी ओर अनायास ही आकर्षित कर सकते हैं या उनकी पहली प्राथमिकता हो सकती है. जिले की पहाड़ियों और जंगलों में कई ऐसी जगहें हैं, जो दुर्गम या पहुंचविहीन होने के कारण अब तक आम लोगों की पहुंच से दूर हैं. हाल ही में जिले के एक ऐसे ही स्थान का अन्वेषण हुआ है, जो नैसर्गिक और प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर है. पहाड़ की चोटी पर दूर-दूर तक फैली घाटी और खूबसूरत चट्टानें धरती पर स्वर्ग का एहसास दिलाती हैं. इस प्राकृतिक घाटी का नाम धारपारूम है. कांकेर विकासखण्ड में ग्राम पीढ़ापाल के समीप स्थित इस क्षेत्र को पर्यटन की संभावनाओं के दृष्टिकोण से बेहद ही अहम माना जा रहा है.
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कलेक्टर ने 25 किलोमीटर दूर जाकर किया निरीक्षण
जिले के कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर और जिला पंचायत के सीईओ हरेश मण्डावी ने आज इस उभरते नए पर्यटन केंद्र से रूबरू होने के उद्देश्य से ’धारपारूम’ क्षेत्र का दौरा कर अवलोकन किया. धारपारूम कांकेर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत पीढ़ापाल के अंतर्गत एक हिल स्टेशन के रूप मे विकसित हो रहा है, जो चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ मनमोहक दृश्यों से सुज्जित एक खाईनुमा संरचना है, जहां पर मनमोहक व्यू पॉइंट के अलावा प्राकृतिक झरना और गुफा भी है. इस क्षेत्र का सघन भ्रमण करने पर पाया गया कि यहां पर पुरातत्विक शैलचित्र भी अंकित है. बताया गया कि वर्तमान में सामुदायिक प्रबंधन के तहत उक्त स्थल का संचालन ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है और अब प्रतिदिन काफी संख्या में यहां सैलानियों की आवाजाही शुरू हो गई है. कलेक्टर ने पूरे क्षेत्र का सघन मुआयना कर कहा कि इसे नवीन पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए जो भी प्रशासनिक सहयोग की आवश्यकता होगी, वह पूर्ण की जाएगी. इस दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से चर्चा कर धारपारूम क्षेत्र की पृष्ठभूमि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी ली.
विस्तार न्यूज़ ने कुछ दिनों इस छिपे हुए हिल स्टेशन की तस्वीर दिखाई थी. जिसके बाद पर्यटक लगातार इस स्थल को देखने रोजाना पहुंच रहे हैं. सैलानियों के द्वारा यह भी माना जा रहा है कि धारपारूम को केशकाल के टाटामारी से भी बड़ा हिल प्लेस के तौर पर विकसित किया जा सकता है.
