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Ambikapur: अंबिकापुर में हवाई सेवा बंद, 80 करोड़ की लागत से बने एयरपोर्ट में धूल खा रहे संसाधन, एयरलाइंस कंपनी ने खड़े किए हाथ

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Ambikapur: अंबिकापुर में 1 साल पहले उड़ान योजना के तहत 80 करोड़ रुपए खर्च कर एयरपोर्ट का निर्माण किया गया और तब लोगों को सपना दिखाया गया कि हवाई चप्पल पहनने वाले लोग भी हवाई जहाज से सफर कर पाएंगे लेकिन करोड़ों खर्च करने के बाद एयरलाइन कंपनी की फैलियर की वजह से हवाई सेवा अब बंद हो गया है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी कहा है कि एयरलाइंस कंपनी ने हवाई जहाज संचालन करने से हाथ खड़ा कर दिया है.

80 करोड़ की लागत से बने एयरपोर्ट में धूल खा रहे संसाधन

अंबिकापुर के दरिमा गांव में एयरपोर्ट का निर्माण 80 करोड़ रुपए की लागत से किया गया और तब लोगों को उम्मीद थी कि सरगुजा जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लोग भी हजार रुपए देकर हवाई जहाज में सफर कर पाएंगे, लेकिन फ्लाई बिग नमक एयरलाइंस कंपनी ने सेवा शुरू करने के कुछ दिनों के भीतर ही अंबिकापुर से रायपुर हवाई जहाज सफर का किराया 4000 से ₹5000 तक कर दिया. इसके बाद अनियमित उड़ान की वजह से लोगों का रुझान कम होने लगा और इस साल पूरे बरसात भर 4 महीने हवाई सेवा पूरी तरीके से बंद रही कुछ दिन पहले दीपावली के समय हवाई सेवा फिर से शुरू किया गया, लेकिन अब कंपनी ने हवाई जहाज परिचालन से हाथ खड़ा कर लिया है.

एयरलाइंस कंपनी ने खड़े किए हाथ

अधिकारियों का कहना है कि फ्लाई बिग कंपनी के पास हवाई जहाज की कमी है. उसके पास महज 7 हवाई जहाज है और यही वजह है कि उसके द्वारा अंबिकापुर एयरपोर्ट से रूटीन में हवाई जहाज का संचालन नहीं किया जा रहा है. एयरलाइन कंपनी ने सरकार को इसके लिए एक पत्र भी लिखा है और कहा है कि वह अंबिकापुर हवाई अड्डे से हवाई सेवा सुचारु रूप से संचालित नहीं कर पाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले ढाई से 3 महीने बाद ही अंबिकापुर से हवाई सेवा शुरू होगी और वह भी तब जब कोई दूसरी हवाई जहाज संचालन करने वाली कंपनी आगे आएगी. लोगों का कहना है कि पहले से ही पता था कि सही रूट निर्धारित नहीं होने और ठीक या लाइन कंपनी के साथ अनुबंध नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति बनेगी, लोग अंबिकापुर से रांची और अंबिकापुर से बनारस रूट निर्धारित करने की मांग कर रहें हैं। क्योंकि यहां के लोग सबसे अधिक रांची और बनारस आना जाना करते हैं.

व्यवस्था में नहीं हुआ सुधार, कांग्रेस उठा रही सवाल

इस पूरे मामले में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज का कहना है कि अब हमारी सेवा यहां कब शुरू होगी वह इसकी तारीख नहीं बता सकते उन्होंने कई बार नियमित हवाई सेवा संचालित हो सके इसके लिए केंद्र सरकार के मंत्रियों से कई बार मुलाकात की है लेकिन इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता हवाई सेवा को लेकर सवाल उठा रहे हैं.

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फ्लाई बिग कंपनी के द्वारा अंबिकापुर से 19 सीटर हवाई जहाज का संचालन किया जा रहा था. वहीं दूसरी तरफ एयरपोर्ट में 70 से 80 अधिकारी कर्मचारी और पुलिस जवानों की ड्यूटी 24 घंटे लग रही है. ऐसे में खाली पड़े एयरपोर्ट की देखरेख में ही हर महीने 15 से 20 लख रुपए खर्च हो रहे हैं, वही एयरपोर्ट में रखे कई संसाधन उपयोग नहीं होने की वजह से कबाड़ होने की नौबत में पहुंच चुके हैं, टिकट काउंटर में तो ही सन्नाटा पसरा हुआ है. इस पूरे मामले में एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि अब हवाई सेवा कब शुरू होगी यह सब कुछ सरकार और एयरलाइन कंपनी के बीच निर्भर कर रहा है.

आखिर अब सरगुजा के लोग अपने सपनों की उड़ान कब भर पाएंगे, यह सब कुछ तय कर रहा है, नागरिक उड्डयन विभाग के ऊपर क्योंकि जिस कंपनी को अब तक अंबिकापुर के इस एयरपोर्ट में हवाई सेवा की जिम्मेदारी दी गई थी वह कई दूसरे एयरपोर्ट में भी इसी तरीके से फेल साबित हुई है लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों ने वाहवाही पाने के चक्कर में हवाई सेवा संचालन करने की जिम्मेदारी फ्लाई बिग कंपनी को दे दी थी.

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