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Ambikapur: बीजेपी-कांग्रेस में पार्षद टिकट के लिए घमासान, 10 वार्डो में उम्मीदवार तय नहीं कर सकी BJP, कांग्रेस की लिस्ट भी नहीं बनी

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छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव

Ambikapur: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले है. वहीं अंबिकापुर नगर निगम में महापौर पद के लिए कांग्रेस ने निर्वतमान महापौर डॉ अजय तिर्की को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने सीनियर पार्षद रही मंजूषा भगत को महापौर पद का उम्मीदवार बनाया है. दोनों ही उम्मीदवार उरांव जनजाति से आते हैं और अंबिकापुर नगर निगम के इतिहास में अब तक उरांव जनजाति के लोग ही महापौर बनते रहे हैं. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियां अब तक किसी दूसरे समुदाय या वर्ग के लोगों को महापौर पद के लिए टिकट देने का फैसला नहीं कर सकी हैं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि अंबिकापुर नगर निगम के साथ ऐसे वार्ड हैं जो ईसाई और उरांव बाहुल्य क्षेत्र हैं. वहीं ईसाई व उरांव जनजाति के वोटर की संख्या भी 20 हजार से अधिक है.

बीजेपी ने मंजूषा भगत को दिया टिकट

बीजेपी ने मंजूषा भगत को टिकट दिया है, क्योंकि संगठन और RSS के नेताओं के बीच मंजूषा भगत के नाम को लेकर किसी तरीके से मतभेद नहीं था. वहीं कमलभान सिंह और आरएसएस नेता इंद्र भगत के नाम को लेकर नेताओं में सहमति नहीं बन पा रही थी और इन दोनों नेताओं को टिकट मिलने के बाद विवाद की स्थिति बन रही थी. इसे देखते हुए भाजपा संगठन ने मंजूषा भगत के नाम पर मोहर लगाई है, लेकिन दूसरी तरफ मंजूषा भगत को टिकट मिलने के बाद भाजपा के कई नेता अंदर खाने में नाराज दिखाई दे रहे हैं, हालांकि मंजूषा भगत 2014 में भी महापौर के पद पर चुनाव लड़ चुकी हैं. तब उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ अजय तिर्की ने ही चुनाव हराया था हालांकि मंजूषा भगत को महतारी बंधन योजना का भी लाभ मिल सकता है क्योंकि महिला वोटो की संख्या भी 60 हजार से अधिक है.

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कांग्रेस से अजय तिर्की को मिला मौका

अजय तिर्की के नाम को लेकर भी कांग्रेस के अंदर खाने में विवाद की स्थिति है. एक बार फिर से टीएस सिंहदेव और अमरजीत भगत का गुट सक्रिय दिखाई दे रहा है हालांकि दोनों नेताओं ने चुनाव से पहले अलग-अलग मंचों के माध्यम से एक जुटता का संदेश दिया था लेकिन नगर निगम चुनाव में एकजुटता देखने को नहीं मिल रही है जिसका नुकसान अजय तिर्की को उठाना पड़ सकता है.

10 वार्डो में प्रत्याशी तय नहीं कर सकी BJP

अंबिकापुर नगर निगम में 48 वार्ड हैं और भाजपा नहीं 38 वार्ड में ही अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है रविवार को शेष 10 वार्ड में उम्मीदवारों का नाम तय करने के लिए नेताओं के बीच अलग-अलग दूर की लंबी बैठक हुई लेकिन इसके बाद भी भाजपा 10 वार्डों में उम्मीदवारों का नाम तय नहीं कर सकी है जबकि नामांकन फार्म लेने और जमा करने के लिए महज एक दिन का ही समय बचा हुआ है, दूसरी तरफ कांग्रेस अभी किसी भी वार्ड के लिए पार्षद पद का उम्मीदवार तय नहीं कर सकी है बताया जा रहा है कि अंदर खाने में पार्षद उम्मीदवारों को नामांकन फार्म लेने के लिए पहले ही बता दिया गया है और जिन लोगों को उम्मीदवार बनाया जाएगा उन्होंने पहले से ही नामांकन फार्म खरीद लिया है.

कांग्रेस की लिस्ट भी नहीं बनी

माना जा रहा है कि आज देर शाम तक कांग्रेस पार्षदों के नाम का ऐलान कर सकती है वही यह भी कहा जा रहे हैं कि कांग्रेस अब तक पार्षद उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दी होती लेकिन ऐसा करने से खुलेआम विवाद होने की आशंका जताई जा रही थी यही वजह है कि कांग्रेस सूची जारी करने से पहले काफी विचार कर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी बगावती सुर आने लगे हैं जिन दावेदारों को टिकट नहीं मिल रहा है उनके द्वारा निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा किया जा रहा है और कुछ खुद ही निर्दलीय चुनाव लड़ने की मंशा पाले घूम रहे हैं.

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