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3 करोड़ का ठेका, ठेकेदारों में घमासान, टेंडर मैनेज नहीं हुआ तो 53 निर्माण कार्यों के लिए फिर से निविदा, देरी से शुरू होंगे निर्माण कार्य

Ambikapur Nagar Nigam

अंबिकापुर नगर निगम

CG News: अंबिकापुर नगर निगम की जनता इन दिनों सड़क नाली को लेकर परेशान दिखाई दे रही है. जगह-जगह नाली टूट चुके हैं और गलियों की हालत बेहद खराब है. वहीं दूसरी तरफ करीब तीन करोड़ रुपये से अधिक के निर्माण कार्यों के लिए नगर निगम के द्वारा पिछले दिनों टेंडर जारी किया गया था. लेकिन टेंडर मैनेज नहीं होने के कारण 3 करोड़ से शुरू होने वाले 60 निर्माण कार्यों में से 53 निर्माण कार्यों के लिए दोबारा टेंडर जारी किया गया है.

नगर निगम ने अधिक रेट के 53 टेंडर किए निरस्त

बताया जा रहा है कि कुछ नए ठेकेदार नगर निगम में टेंडर डाल चुके थे, लेकिन ठेकेदारों के बीच बात नहीं बनी. अधिकतर ठेकेदारों ने अधिक रेट में टेंडर डाल दिया. जिसके कारण नगर निगम को टेंडर निरस्त करना पड़ा. वही बिलो रेट यानी कम रेट में टेंडर डालने के वजह से सिर्फ सात निर्माण कार्यों के टेंडर को स्वीकृति दी गई. दूसरी बार जारी किए गए टेंडर को ठेकेदारों के बीच कैसे मैनेज किया जाएगा अभी भी मामला उलझा हुआ दिखाई दे रहा है.

अंबिकापुर नगर निगम में पिछले दिनों नगर निगम में ठेकेदारों के काम करने के लिए नया नियम लागू किया था. जिसके तहत ठेकेदारों को निर्माण कार्यों के दौरान उपयोग में लाये जाने वाले मशीनों का जीएसटी बिल प्रस्तुत करना था. उन मशीनों का भौतिक सत्यापन भी कराना था. इसे लेकर विवाद चल रहा था और कांग्रेस ने इसका विरोध किया था.

छाेटे ठेकेदार किराए की मशीन से करते हैं काम

छोटे ठेकेदारों का आरोप था कि उनके पास 5-10 लाख का काम करने के लिए करोड रुपए के मशीन कहां से आएंगे, वे किराए में मशीन लेकर काम करते हैं और उन्होंने इसे लेकर नगर निगम के अधिकारियों के सामने अपनी बात भी रखी थी, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने अपने इस नए नियम में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि, अधिकारियों ने अघोषित तरीके से ठेकेदारों से कहा था कि यह नियम सिर्फ कागजो में रहेगा और इसके बाद मामला किसी तरह शांत हुआ. इसके बाद ऑफलाइन माध्यम से नगर निगम ने 3 करोड रुपए का टेंडर जारी किया.

नगर निगम ने 3 करोड़ के ऑफलाइन टेंडर किए थे जारी

नगर निगम ने 3 करोड रुपए से 60 निर्माण कार्यों के लिए ऑफलाइन टेंडर जारी किया था. जिसमें सबसे अधिक नाली कांक्रीट रोड का निर्माण करना था. जिसमें ठेकेदारों ने आपस में बैठकर टेंडर मैनेज करने की कोशिश की, मतलब ठेकेदारों ने आपस में काम को बांटने की कोशिश की, करीब 40 से अधिक ठेकेदारों ने 60 निर्माण कार्यों को करने के लिए आपस में बात किया था.

दो ठेकेदार ऐसे थे जिन्होंने बगावत कर दी, उनका कहना था कि उन्हें भी बराबर काम मिलना चाहिए और फिर इन्हीं ठेकेदारों ने करीब 15% तक अधिक रेट में टेंडर डाल दिया, दूसरे ठेकेदारों ने भी बाद में ऐसा ही किया जिसके कारण 53 निर्माण कार्यों के लिए नगर निगम को दोबारा रिटेंडर जारी करना पड़ा है. वही सात निर्माण कार्यों को बिलो रेट यानी एस्टीमेट के लागत से कम रेट में टेंडर डाल दिया जिनका टेंडर स्वीकार किया गया है.

15% अधिक रेट से डाले गए थे टेंडर

नगर निगम कमिश्नर डीएन कश्यप का कहना है कि एक ही प्रकृति के कार्य का टेंडर एक ही क्षेत्र में ठेकेदारों के द्वारा अधिक रेट और कम रेट में डाला गया था. जिसके कारण ऐसी स्थिति बनी और उन्हें रिटेंडर करना पड़ा है. क्योंकि ठेकेदारों ने 15% अधिक रेट में टेंडर डाला, जिससे नगर निगम को लाखों रुपए का नुकसान होता. वहीं तकनीकी रूप से ठीक नहीं होता. जिसके कारण रिटेंडर किया गया है.

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बताया जाता है कि रिटेंडर करने के पक्ष में नगर निगम के कई पदाधिकारी नहीं थे लेकिन नगर निगम कमिश्नर ने कहा कि भविष्य में जब ऑडिट होगी तो उन्हें परेशान होना पड़ेगा और इसके बाद रिटेंडर के लिए आदेश जारी किया गया. हालांकि ठेकेदारों के बीच चल रहे घमासान और नगर निगम जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच बने इस हालत की वजह से शहर की जनता को निर्माण कार्यों में देरी के कारण परेशान होना पड़ेगा.

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