Ambikapur (दिलीप जायसवाल): अंबिकापुर में मां महामाया पहाड़ी की संरक्षित वन भूमि पर अतिक्रमण को हटाने के लिए आज वन विभाग की ओर से बड़ी कार्रवाई की जा रही है. सुबह से पांच बुलडोजर इस एक्शन के लिए मौके पर पहुंच गए हैं. करीब 4 घंटे के बुलडोजर एक्शन में अब तक 60 मकानों को तोड़ा जा चुका है. इन मकानों में रहने वाले करीब 350 लोग बेघर हो गए हैं. इस एक्शन से पहले ही सोमवार सुबह से 700 पुलिस जवान और अफसर हामाया पहाड़ के नवागढ़ पहुंच गए थे. बड़ी संख्या में तैनात फोर्स के बीच यह एक्शन जारी है.
अतिक्रमण हटाने वन विभाग का एक्शन
अंबिकापुर के मां महामाया पहाड़ से कब्जा हटाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कार्रवाई शुरू कर दी है. पांच बुलडोजर इस कार्रवाई के लिए जुटे हुए हैं. वहीं, पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील कर दिया गया है. सैकड़ो की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह और डीएफओ के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने की है कार्रवाई जारी है.
क्यों तोड़े जा रहे मकान?
लोगों ने वन भूमि और पहाड़ की जमीन पर अतिक्रमण करते हुए मकान बना लिए थे. इस एक्शन से तीन दिन पहले ही लोगों को नोटिस जारी कर कब्जा हटाने के लिए कहा गया था. वन विभाग के पास 2017 में एक शिकायत के बाद यहां पर अवैध तरीके से कब्जा कर मकान बनाकर रहने वाले लोगों का सर्वे कराया गया था. उसके बाद 2022 में अतिक्रमण हटाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस से सुरक्षा व्यवस्था मांगी थी लेकिन तब यह कार्रवाई नहीं हो सकी थी.
1300 एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण
वन विभाग की करीब 1300 एकड़ वन भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. इस पहाड़ पर 468 मकान बने हैं. 60 अतिक्रमण वाले मकानों को खाली कराने के लिए वन विभाग की ओर से तीन दिन पहले नोटिस जारी किया गया था.
वन मंत्री ने दिए थे कार्रवाई के आदेश
कुछ दिनों पहले अंबिकापुर में वन मंत्री केदार कश्यप पहुंचे थे और उनके सामने स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की थी कि अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है. उसके बाद वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर वन अमले ने तत्काल नोटिस जारी किया और अब कार्रवाई की जा रही है.
कांग्रेस कर रही विरोध
कांग्रेस नेता इस एक्शन का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि लोगों को इस तरीके से ठंड के मौसम में बेघर नहीं करना चाहिए. उन्हें बेघर करने से पहले रहने के लिए प्रशासन को व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे इन मकानों में रह रहे थे. दूसरी तरफ मकान बनाकर पहाड़ और जंगल में रह रहे इन लोगों तक नगर निगम ने बिजली पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचा दी थी, जिसकी वजह से अतिक्रमण करने वालों का हौसला बुलंद हो गया था. इस वजह से लगातार यहां पर अतिक्रमण किया जा रहा था. यही वजह है कि 468 से अधिक लोगों ने यहां मकान बना लिया.
