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बहुत चर्चा है: छत्तीसगढ़ में मंत्री जी के चेहरे की कीमत 60 करोड़… 12 महीने में 36 कारनामे वाली अफसर… सरकार भाजपा की, कांग्रेसी ठेकेदार मस्त

bahut charcha hai

बहुत चर्चा है

Bahut Charcha Hai: छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों मंत्री के गृह प्रवेश के खर्चे की खूब चर्चा है. इतना ही 12 महीने में 36 कारनामे वाली अफसर से लेकर आखिर मंत्री जी के चेहरे की कीमत 60 करोड़ कैसे हो गई इस पर भी चर्चाएं हो रही हैं.

मंत्री जी के चेहरे की कीमत 60 करोड़!

छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी मंत्री ने अपनी फोटो लगाने के लिए नया उपाय खोजा है. विभाग की योजनाओं में मंत्री जी की फोटो जगह-जगह लगाई जा रही है और उसका ठेका एक करीबी को दे दिया गया है. सिर्फ फोटो लगाने का ठेका 60 से 70 करोड़ का हो गया है. अब आप सोचिए की फोटो बदलने के नाम पर किस तरीके से मंत्री जी के करीबी मालामाल हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस काम के लिए 5 करोड़ रुपए भी काफी है, लेकिन करीबी को फायदा पहुंचाना है, तो ठेका दे दिया गया है. यह तस्वीर बस्तर से लेकर सरगुजा तक बदली जा रही है. ठेका जिला स्तर और संभाग स्तर पर निकल गया है इसलिए इतनी बड़ी रकम की किसी को भनक नहीं लग पा रही है. मंत्री जी के करीबी ने यह ठेका छोटे ठेकेदारों को देखकर करीब 40 करोड़ रुपए बचा लिए हैं.

मंत्री के गृह प्रवेश का खर्चा!

नई सरकार में मंत्रियों को नया रायपुर में बंगला मिल चुका है. कुछ मंत्री अब तक अपने नए बंगले मे गृह प्रवेश भी कर गए हैं, लेकिन बहुत से मंत्री अभी भी गृह प्रवेश की तैयारी कर रहे हैं. इनमें से एक मंत्री गृह प्रवेश से पहले ही उन लोगों की खोज कर रहे हैं, जो टेंट और भोजन की व्यवस्था कर दें. विभाग के कुछ अफसर के पास फोन गया और वह अफसर चिंतित है कि इसका पैसा कहां से लाएं. हालांकि मंत्री जी के पास कई विभाग हैं और भारी भरकम विभाग हैं. अफसर के सामने मंत्री जी के करीबी की जब यह फरमाइश आई तो अफसर उन मंत्रियों के विभाग में टोह लेने लगे कि खर्चा किस मद से किया गया.

12 महीने में 36 कारनामे वाली अफसर

राजधानी के सीमा से लगे एक जिले में स्वास्थ्य विभाग के मुखिया और उनके कारनामे चर्चा में हैं. महिला अफसर अपने आप को अन्य पड़ोसी जिले के एक बड़े दिग्गज भाजपा नेता की के करीबी बताती हैं और मंत्री के बंगले में पारिवारिक दखल का भी ढिंढोरा पीटती हैं.

महिला अफसर को कुर्सी मिले 12 माह भी नहीं बीते और 36 कारनामे कर डाले. चाहे 70 लाख की खरीदी या फिर चहेते सप्लायर से मनमानी कीमत लेकर ठेका देना हो. मैडम के डीजल महाघोटाले की भी चर्चा हो रही है. मामला तब तक दबा रहा जब तक सब कुछ भीतरखाने में ठीक-ठाक रहा. लेकिन अब लंका लग गई है. महिला अफसर माल बटोरने के साथ-साथ सीनियर अफसरों को दरकिनार करते गई. कुर्सी संभालते समय अपनी छोटी बहन को भी पनौती बना कर ले आई थी. अफसर से ज्यादा उनकी बहन ओहदे की गरिमा तार-तार कर गई. अब उनके काले कारनामों के चर्चे विभाग से लेकर जिले भर में तैर रहे हैं. सीनियर अफसरों का गुस्सा अब कागजों में दौड़ रहा है. देखना होगा कि आने वाले दिनों में क्या कार्रवाई होती है.

सरकार भाजपा की, कांग्रेसी ठेकेदार मस्त

प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी तो कांग्रेस के ठेकेदारों और मलाईदार पदों पर बैठे नेताओं की खोज शुरू हुई. डेढ़ साल बाद भी इसमें से कई कांग्रेसी ठेकेदार मलाई खाते नजर आ रहे हैं. कांग्रेसी ठेकेदार राजधानी स्थित ऐश्वर्या रेजिडेंसी और क्लार्क होटल से करोड़ों रुपएके ठेके ले रहे हैं और उसमें फर्जीवाडा भी कर रहे हैं. किसानों ने नई सरकार को चुना, लेकिन उनसे जुड़े एक विभाग में अभी पुराने कांग्रेसी अलग-अलग तरीके से कमाई कर रहे हैं. इस पूरे रैकेट को कथित रूप से मंत्री बंगले से संरक्षण मिल रहा था. इस घोटालेबाज नेटवर्क के तार पहले चर्चित कोयला घोटाले के मुख्य आरोपी से भी जुड़े रहे हैं. खोटे सिक्के की तरह यह कांग्रेसी नकली माल को सप्लाई कर रहे हैं. यह सप्लाई मंत्री जी के गृह जिले से लेकर पूरे प्रदेश में की जा रही है. कुछ जगह शिकायतें भी हुई हैं, लेकिन अब तक इन खोटे सिक्कों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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