बहुत चर्चा है: IPS ने क्या बयान दिया…? भगत आउट, अब नया अध्यक्ष कौन…जब मंत्री ने पूछा, बस्तर जाना सेफ है क्या? राजनीतिक शुचिता भूलते दल
बहुत चर्चा है
Bahut Charcha Hai: पिछले दिनों CBI की टीम ने एक IPS अधिकारी और कांग्रेस सरकार में काफी ताकतवर रहे एडिशनल एसपी से पूछताछ की. सीबीआई दफ्तर में हुई पूछताछ के बाद राजनीतिक हलके में चर्चा है कि इन दोनों अधिकारियों ने क्या बयान दिया. महादेव सट्टा मामले को लेकर दोनों अधिकारियों से पूछताछ की गई है. इस मामले में बड़े-बड़े लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. चर्चा है कि एडिशनल एसपी ने बहुत सारी ऐसी जानकारी सीबीआई को दी है, जो तत्कालीन रसूखदारों के लिए खतरे की घंटी बन सकती है. एडिशनल एसपी की पोस्टिंग नक्सली क्षेत्र में है, लेकिन वह अक्सर राजधानी में ही नजर आते हैं. बताया जा रहा है कि वर्तमान सरकार से उनकी नजदीकी बढ़ाने में कुछ सीनियर आईपीएस अधिकारियों ने मदद की है. इससे पहले शराब घोटाले में बयान के आधार पर ही ED ने पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे को गिरफ्तार किया है. चर्चा है कि इन दोनों ताकतवर अधिकारियों के बयान के बाद किसकी गिरफ्तारी की दिशा में सीबीआई आगे बढ़ रही है.
जब मंत्री ने पूछा, बस्तर जाना सेफ है क्या?
पिछले दिनों मंत्रियों का बस्तर दौरा हुआ. सरकार के मंत्री अपने-अपने विभाग के कामकाज के साथ-साथ बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी पहुंचे. एक मंत्री ने जिला मुख्यालय से कुछ दूर आगे जाने की इच्छा जताई, लेकिन उनके मन में यह डर था कि आगे जाना सेफ है या नहीं. इसके लिए बाकायदा उन्होंने कलेक्टर और SP से बात की. मन नहीं भरा तो कुछ वरिष्ठ मंत्रियों से भी बात की और पूछा कि क्या आगे जाना सेफ रहेगा? मंत्री ने अंदरूनी क्षेत्र में जाने की इच्छा जताने वाले मंत्री से कहा कि जब आप नहीं जाएंगे, तो लोगों में भरोसा कैसे पैदा होगा. हमारा पहला काम है कि जनता के बीच भरोसा पैदा करना कि विधायक, सांसद और मंत्री क्षेत्र में बेखौफ घूम सकते हैं, नक्सली क्या बिगाड़ लेंगे. इसके बाद मंत्री जी मुख्यालय से आगे बढ़े और अपना दौरा सकुशल पूरा करके लौट आए. बता रहे हैं कि अगस्त में कुछ और मंत्री भी बस्तर के दौरे पर जाएंगे और जनता का भरोसा जीतने के लिए मुख्यालय के बाहर कदम रखेंगे.
भगत आउट, नया अध्यक्ष कौन?
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने फाउल खेल दिया है. चर्चा है कि प्रदेश संगठन और सरकार को सीधे निशाने पर लेने के बाद उनकी छुट्टी तय है. भगत को संगठन ने कारण बताओं नोटिस जारी करके 7 दिन में जवाब मांगा था. उन्होंने व्हाट्सएप से अपना जवाब भेज दिया है, लेकिन प्रदेश संगठन उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है. संघ के समर्थन से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे भगत के लिए मुश्किल यह है कि संघ के कुछ बड़े पदाधिकारी भी अब उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में भाजपा के युवा नेताओं के बीच चर्चा तेज हो गई है कि अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा. इस रेश में दो प्रदेश महामंत्री हैं, लेकिन ओबीसी वर्ग से आने वाले एक युवा नेता की लॉटरी लग सकती है. बताया जा रहा है कि युवा नेता दुर्ग संभाग से हैं और उनको भी संघ का समर्थन है. प्रदेश कार्यकारिणी में जातिगत समीकरण को साधने के लिए ST, SC और ओबीसी वर्ग से एक-एक प्रदेश महामंत्री बनाया जा रहा है. ऐसे में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान किसी ओबीसी को और महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान किसी आदिवासी को दिया जा सकता है. चर्चा यह भी है कि युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी जा रही है. यह सप्ताह भाजपा नेताओं के लिए कुछ ज्यादा रोमांचक रहने वाला है, क्योंकि प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर युवा मोर्चा महिला मोर्चा और विभाग प्रकोष्ठ के अध्यक्षों की भी घोषणा हो सकती है.
राजनीतिक शुचिता भूलते दल
छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश में पिछले दिनों राजनीतिक शुचिता पर सवाल खड़े हुए हैं. यह सवाल इसलिए खड़े हुए क्योंकि कांग्रेस और भाजपा की तरफ से पोस्टर जारी किए गए, जिसमें शुचिता को तार-तार किया गया. पोस्टर में नेताओं के लिए कुत्ते और बंदर का इस्तेमाल किया गया और आपत्तिजनक स्थिति में दर्शाया गया, लेकिन सवाल सबसे बड़ा यही है कि क्या प्रदेश में अब बिलो द बेल्ट की पॉलिटिक्स शुरू हो रही है. एक दौर था जब मशहूर कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण ने इंदिरा गांधी की तीखी नाक वाला कार्टून बनाया था, लेकिन उसे समय इसका उद्देश्य राजनीतिक नहीं था. अब पॉलीटिकल पार्टी अपने राजनीतिक फायदे के लिए गंदे स्तर पर जाकर कार्टून बना रही हैं, जो आने वाले समय में घातक होगा. इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी निंदा तो कर रही है, लेकिन पोस्टर जारी होने का सिलसिला रुक नहीं रहा है.