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बलौदाबाजार-भाटापारा में बना छत्तीसगढ़ का पहला कांटा रहित कैक्टस नर्सरी हब, जानिए इसकी खासियत

CG News

कांटा रहित कैक्टस

अजय यादव (बलौदाबाजार)

CG News: छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में पहली बार बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल छेत्र गिदौरी में पहली कांटे रहित कैक्टस की नर्सरी की स्थापना की गई है, जो सिर्फ कृषि नवाचार नहीं, बल्कि हरित क्रांति का अगला अध्याय बन सकता है.

क्या है कांटा रहित कैक्टस?

यह एक विशेष किस्म का कैक्टस है जिसमें पारंपरिक कांटों का अभाव होता है, लेकिन लाभ भरपूर. इसे ‘हरियाली के हिरो’ की संज्ञा दी जा सकती है.

जानिए इसकी खासियत

  1. यह बंजर और अनुपयोगी भूमि (वेस्टलैण्ड) में भी उगाया जा सकता है.
  2. पशु चारे के रूप में बेहद उपयोगी.
  3. मानव पोषण में भी इसकी भूमिका उभर रही है.
  4. पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण दोनों के लिहाज़ से वरदान.

एक पौधा, अनेक उपयोग

कांटे रहित कैक्टस का फल बहुउपयोगी है, जिसे लोकल इनोवेशन और इंडस्ट्रियल प्रॉसेसिंग से निम्न उपयोगों में बदला जा सकता है:

  1. अचार, जैम, जेली, जूस

2. सिरप, अमृत, शराब

3. प्राकृतिक रंग, स्वाद, सुगंध

4. शाकाहारी लेदर (Vegan Leather) – बैग, बेल्ट, जैकेट जैसे फैशनेबल और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद

योजनाओं का समन्वय

इस नवाचार को सफलतापूर्वक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) एवं कृषि विभाग के अभिसरण से क्रियान्वित किया गया है. इससे न केवल रोजगार सृजित हुआ है, बल्कि किसानों और श्रमिकों को नई दिशा और सम्मानजनक आजीविका मिली है.

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