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Balrampur: लोहे का पंजा-डंडे से पीटा, मुंह से खून निकला और चली गई जान… पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, शव लेकर पुलिस ‘गायब’

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बलरामपुर में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत

Balrampur News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आज पुलिस एक लाश को लेकर पूरे दिन लुका-छुपी करती रही. यहां एक युवक की मौत पुलिस हिरासत में हो गई थी. परिजनों ने पुलिस पर युवक के साथ मारपीट का आरोप लगाया था. उनका कहना है कि मारपीट की वजह से उनके बेटे की जान गई है. इसके बाद परिवार के लोग पुलिस के बुलाए मुताबिक रविवार के दिन बलरामपुर पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें लाश नहीं दिया.

इसके बाद परिवार के लोग पूरी रात जिला अस्पताल बलरामपुर के बाहर शेड के नीचे शव का इंतजार करते रहे ताकि वह देख सके कि पुलिस की पिटाई से उसके शरीर में कहां-कहां चोट लगा हुआ है, लेकिन पुलिस वालों ने लाश को उन्हें नहीं दिखाया. सोमवार की दोपहर 12:30 बजे पुलिस लाश को लेकर बलरामपुर से निकली तो परिवार के लोग इस दौरान विरोध करना शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस लाश को लेकर मृतक के घर के लिए निकल गई, लेकिन मंगलवार की सुबह तक भी पुलिस लाश को लेकर उसके घर नहीं पहुंची. लाश कहां है यह अब तक परिवार के लोगों को पता नहीं है.

लाठी चार्ज की बनी नौबत, खूब हुई झूमझटकी

सोमवार को पुलिस जब खुद ही जबरदस्ती लाश को लेकर जिला अस्पताल से निकली तब परिजनों का कहना था कि आखिर पुलिस उन्हें बिना बताए लाश को लेकर कहां जा रही है. इस दौरान जिला अस्पताल परिसर में पुलिस और मृतक युवक के परिजनों के बीच जमकर झूमाझटकी हुई. लाठी चार्ज की स्थिति भी बनती हुई दिखाई दी. इसके बाद वहां से परिजनों ने लाश लेकर चल रही गाड़ी के पीछे-पीछे चलना शुरू किया, लेकिन पुलिस के जवान लाश को लेकर किसी दूसरे रूट पर चले गए. इसके बाद परिवार के लोग घर पहुंचे तो लाश देर शाम तक नहीं पहुंची थी. लेकिन पुलिस रात में भी लाश लेकर नहीं आई. मंगलवार की सुबह तक लाश का पता नहीं है.

पुलिस पर घटना छुपाने के आरोप

परिवार के लोगों का कहना है कि पुलिस जानबूझकर घटना का सच छुपाना चाहती है क्योंकि जब युवक को तीन दिन पहले पुलिस ने हिरासत में लिया था. तब मृतक उमेश के साथ उसके अन्य साथियों के साथ भी पुलिस ने बेदम मारपीट किया था. इसके बाद पुलिस के जवान अंबिकापुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने राधेश्याम राधेश्याम होटल में पहुंच कर पुलिस जवानों ने शराब का सेवन किया था, फिर रास्ते में भी बलरामपुर ले जाते समय हिरासत में लिए गए युवकों की पिटाई की गई थी.

रविवार को बलरामपुर साइबर सेल की टीम के द्वारा हिरासत में लिए गए सरगुजा जिले के सीतापुर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत नकना निवासी उमेश सिंह की मौत हो गई. परिवार वालों का कहना है कि पुलिस की पिटाई की वजह से उमेश की मृत्यु हुई है और जब उसकी मौत हो गई तब पुलिस वालों ने परिवार वालों को सूचना दिया कि उसकी तबीयत खराब है आप देखने के लिए अस्पताल लिए लेकिन जब वह अस्पताल पहुंचे तब उसकी मौत हो चुकी थी. वहीं, परिजनों के अस्पताल पहुंचने के बाद भी उसके लाश को उन्हें नहीं दिखाया गया और उनकी सहमति के बिना शव का पोस्टमार्टम कराया गया. परिजनों का यह भी आरोप है कि हिरासत में लेने के बाद पुलिस के जवानों ने लोहे का पंजा हाथ में लगाकर उसके साथ मारपीट की थी और उसके मुंह से खून निकल रहा था.

वहीं, एक दूसरे युवक के कान से भी खून निकलने लगा था। परिजनों ने आरोप लगाया है कि पूरी रात वो जिला अस्पताल परिसर में ही खुले आसमान के नीचे जगते रहे और बैठे-बैठे सुबह कर दिए. इसके बाद जब सुबह हुई तो पुलिस वालों ने फिर से जिला अस्पताल को अपने कब्जे में ले लिया और सैकड़ो की संख्या में जवानों की तैनाती कर दी गई. इस दौरान परिवार के लोग मारपीट करने वाले पुलिस जवानों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद दोपहर में लाश लेकर पुलिस के जवान निकल गए. वहीं, देर शाम तक पुलिस के जवान लाश लेकर मृतक के घर नहीं पहुंचे थे और परिवार के लोग लाश आने का इंतजार कर रहे थे क्योंकि वह लाश से पहले पहुंच चुके थे. हालांकि, जिस वाहन में लाश रखकर पुलिस ला रही थी, उससे वह पीछे दूसरे वाहन में निकले थे.

पुलिस वालों ने दिया झांसा, बोले- शांत हो जाओ पैसे देंगे

बरहाल जिस तरीके से इस पूरे मामले में पुलिस पर आरोप लग रहे हैं वह बेहद गंभीर हैं क्योंकि परिवार वालों ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस वालों ने उन्हें कुछ रुपए देने का भी झांसा दिया है. साथ ही कहा है कि वे मामले को आगे न बढ़ाएं. इसके साथ यह भी कहा गया है कि अगर वे शांत हो जाएंगे तो जो लोग चोरी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं उन्हें भी आसानी से जेल से बाहर निकलवा दिया जाएगा.

लाश लेकर क्यों भागी पुलिस? परिवार वाले पूछ रहे सवाल

परिवार वालों का यह भी कहना है कि उमेश पूरी तरीके से स्वस्थ था और उसे और उसके अन्य साथियों को पुलिस वालों ने तीन दिन तक हिरासत में रखा हुआ था. दूसरी तरफ पुलिस के अधिकारियों ने पहले ही कहा है कि उमेश बीमार था और कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुका था. अब सवाल उठ रहा है कि अगर सब कुछ ठीक है तो पुलिस इस मामले में लाश को लेकर इधर-उधर क्यों भटक रही है और परिवार वालों को आसानी से क्यों नहीं समझा पा रही है. वहीं, परिवार के लोग अगर इस तरीके के गंभीर आरोप लगा रहे हैं तो उमेश की मौत संदिग्ध दिखाई दे रही है.

ये था मामला

बता दें कि बलरामपुर में स्थित धनंजय ज्वेलर्स में पिछले दिनों 50 लाख रुपए की चोरी हुई थी, जिस मामले में पुलिस ने उमेश सहित नौ लोगों को पकड़ा था और इसके बाद यह घटना हुई थी. हालांकि इस घटना के तत्काल बाद पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया और बताया कि उसने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे कई जेवरात भी जप्त किया गया है. वहीं, एक आरोपी को प्रेस विज्ञप्ति में फरार बताया गया है.

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