Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. इसके बाद अब उन्होंने बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. चैतन्य बघेल का मामला हाई कोर्ट पहुंचा है. उन्होंने ED द्वारा हिरासत में लिए जाने की कार्रवाई को चुनौती दी है. माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में सुनवाई संभावित है.
सुप्रीम कोर्ट के बाद हाई कोर्ट पहुंचा चैतन्य का मामला
3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे चैतन्य बघेल ED की हिरासत में हैं. चैतन्य की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिस पर 4 अगस्त को सुनवाई होनी थी. SC ने इस याचिका पर सुनाई से इनकार करते हुए हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी. इसके बाद अब उनका मामला हाई कोर्ट पहुंचा है.
भूपेश बघेल को भी बड़ा झटका
चैतन्य के साथ-साथ भूपेश बघेल की अग्रीम जमानत को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. साथ ही CBI और ED जांच शक्तियों और अधिकार क्षेत्र को चुनौती भी दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया था.
न्यायिक रिमांड पर भेजे गए चैतन्य बघेल
3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में ED की टीम ने पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे को 18 जुलाई गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद चैतन्य को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया था. इसके बाद 22 जुलाई को भी कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की रिमांड पर भेज दिया था. 4 अगस्त को जब चैतन्य की रिमांड खत्म होने वाली थी, उससे पहले कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फिर से चैतन्य को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया है.
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3200 करोड़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी यानी साल 2018 से 2023 के बीच प्रदेश में करीब 3200 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ. इसे लेकर EOW ने चार्जशीट में जानकारी देते हुए बताया कि इस घोटाले के पैसे से 11 आरोपी अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम करोड़ों रुपए की जमीन और दौलत खरीदी है. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक EOW के मुताबिक पूरे शराब घोटाले में करीब 61 लाख अवैध पेटी शराब बिकवाकर 2174 करोड़ रुपए की चपत लगाई गई थी, लेकिन जब इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई तो पता चला कि यह घोटाला 2174 नहीं बल्कि 3200 करोड़ रुपए से अधिक का है.
