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बहुत चर्चा है: घोटालेबाजों के साथ घोटाला…बड़बोले विधायकों की लगी क्लास…टिकट चाहिए तो 20 मापदंड…मंत्री जी क्षेत्रीय सिस्टम नहीं चलेगा

Bhut Charcha Hai

बहुत चर्चा है

Bhut Charcha Hai: घोटाला करने वाले एक विभाग के अधिकारियों के साथ घोटाला हो गया है. घोटाले से बचने के लिए घोटालेबाज अधिकारियों ने चंदा किया. कार्रवाई से बचने के लिए भारी भरकम राशि इकट्ठा की गई. लेकिन भारी भरकम राशि भी काम न आई. प्रशासनिक हलके में चर्चा है कि करीब 15 करोड़ रुपए घोटालेबाजों के घोटाले में चले गए. सरकार ने अब इन घोटालेबाज अफसरों पर कार्रवाई कर दी है. ऐसी चर्चा है कि आने वाले दिनों में इन अफसरों की गिरफ्तारी भी होगी और वो जेल भी जाएंगे. कुल मिलाकर यह हुआ कि एक तरफ घोटाला किए और दूसरे तरफ उनके पैसे कोई और उड़ा ले गया. चोर का धन चांडाल खाये वाली कहावत यहां सही साबित हो रही है.

बाबा के ट्रांजेक्शन से मिली करप्शन ट्रेल

छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले दिनों एक बाबा को गिरफ्तार किया. बाबा के बारे में चर्चा है कि वह कांग्रेस के एक बड़े नेता के करीबी हैं. पुलिस अलग-अलग घोटाले में पैसा कहां गया, इसकी खोज कर रही थी, लेकिन जैसे ही बाबा की गिरफ्तारी हुई और उनके बैंक अकाउंट को तलाशा गया तो राज्य में हुए कई घोटालों की ट्रेल मिल गई. अब पुलिस इन घोटालों के पैसे किनके किनके पास गए, उसकी जांच में जुटी हुई है. बड़ी-बड़ी जांच एजेंसियां पिछले 3 साल से इस बात की खोज कर रही थी कि घोटाले का पैसा कहा गया? उनको तो यह पता नहीं चल पाया लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच में इसका खुलासा हो गया है. अब देखते हैं कि आने वाले दिनों में बाबा के खाते से जिन लोगों के पास पैसे पहुंचे हैं, उन तक पुलिस पहुंचती है और क्या कार्रवाई करती है?

बड़बोले विधायकों की लगी क्लास

मैनपाट में भाजपा का 3 दिन तक प्रशिक्षण चला. प्रशिक्षण में केंद्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के निशाने पर वह विधायक थे, जो बड़बोले हैं. जो ऐसी हरकतें करते हैं, जिससे पार्टी की छवि खराब हो रही है. रायपुर और दुर्ग के एक-एक विधायकों को संतोष ने नाम लेकर कड़ी फटकार लगाई. ओयो विधायक के नाम से मशहूर एक विधायक को तो उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि भैया पार्टी का काम करिए. जनता ने आपको विधायक चुना है, विधायक का जो काम है, उसे पूरा करिए. एक विधायक ने खुद के मंत्री बनने का दावा कर दिया था. उसे भी कहा कि हवा में मत बोलिए, मंत्री जिसे बनाना होगा बना दिया जाएगा. जिस समय फटकार लगाई जा रही थी दोनों विधायक सन्नाटे में आ गए.

टिकट चाहिए तो 20 मापदंड

भाजपा बार-बार प्रशिक्षण क्यों करती है? प्रशिक्षण शिविर में ऐसा क्या होता है, जो विधायकों के लिए और छत्तीसगढ़ की जनता के लिए लाभदायक है? यह सवाल पिछले सप्ताह लगातार विपक्षी विधायकों ने उठाएं. दरअसल भाजपा मैनपाट में प्रशिक्षण करके 2028 और 2029 के चुनाव की तैयारी में जुटी है. प्रशिक्षण में विधायकों को अगली बार टिकट लेने के लिए अभी से मापदंड तय कर दिए गए हैं. 20 पैरामीटर तय किए गए हैं, जिसे पूरा करने वाले विधायक को ही अगली बार टिकट दी जाएगी. वैसे भाजपा की परंपरा रही है 30% विधायकों की टिकट वैसे ही कट जाती है. राज्य बना है, तब से लेकर अब तक यही फार्मूला हिट रहा है. पिछले चुनाव में तो 15 विधायक थे, लेकिन उसमें भी विधायकों का टिकट काट दिया गया. आपके क्षेत्र में आपका विधायक पहुंचे, तो उनसे जरूर पूछिए कि जो 20 फार्मूला दिया गया है. उसे पूरा कर रहे हैं या नहीं, अगर वह पूरा नहीं कर रहे हैं तो मान लीजिए कि आपके क्षेत्र में भाजपा का नया कैंडिडेट जरूर आ जाएगा.

मंत्री जी क्षेत्रीय सिस्टम नहीं चलेगा

भाजपा की सरकार में कुछ ऐसे मंत्री बने जो पहली बार विधायक चुने गए. इन मंत्रियों ने अपना जो पूरा सिस्टम बनाया वह अपनी विधानसभा के इर्द-गिर्द बनाया. उनके रुकने का ज्यादा से ज्यादा समय अपने क्षेत्र में है. उनके काम करने वाले लोगों की टीम में सबसे ज्यादा उनकी विधानसभा के लोग हैं और उन पर जिस तरीके से आरोप लग रहे हैं, उसके पीछे भी उनके क्षेत्र के लोग ही शामिल हैं. कुल मिलाकर मंत्री प्रदेश का न होकर अपनी विधानसभा रह गया है. यह मैं नहीं कह रहा हूं भाजपा के प्रशिक्षण शिविर में आए बड़े-बड़े नेताओं ने कहा. नेताओं ने कहा कि मंत्री प्रदेश का होता है. अगर आप अपने क्षेत्र और अपने जिले तक सीमित रहेंगे तो फिर सरकार की उपलब्धि बता पाना मुश्किल हो जाएगा. भ्रष्टाचार के आरोप से बचने की नसीहत दी गई. कुछ मंत्री ऐसे हैं जिनके रिश्तेदार ऊपर से नीचे तक उनसे जुड़े विभागों में काम कर रहे हैं और भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही है, उन्हें भी सिस्टम से दूर करने की ताकीद दी गई. प्रशिक्षण में एक पूरा सत्र नेताओं के रिश्तेदार और भ्रष्टाचार पर फोकस होकर रह गया.

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