Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में करीब 1.5 करोड़ की महंगी दवाओं को पार करने यानी घोटाले का खुलासा हुआ है. आरोप है कि अस्पताल के दवा काउंटर में डॉक्टरों द्वारा लिखी गई पर्चियों में डायबिटीज की महंगी दवा जोड़ कर घोटाला किया जा रहा है. जानें पूरा मामला –
9 महीने में 1.5 करोड़ की दवा पार!
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल (सरकारी) के दवा काउंटर में डायबिटीज की महंगी टेबलेट ‘रेबोलसेस’ का घोटाला किया जा रहा है. यहां बीते 9 महीने में डायबिटीज की ऐसी दवाओं को बांटा गया है, जिनकी 10 टेबलेट का एक पत्ता मार्केट में करीब 3000 रुपए का है. इन दवाईयों की जगह अन्य सस्ते विक्लप हैं, लेकिन धांधली करने वालों ने इन दवाईयों के नाम पर करीब 1.5 करोड़ रुपए पार कर दिए हैं.
डॉक्टरों की मिलती-जुलती हैंडराइटिंग से किया घोटाला
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक अंबेडकर अस्पताल में डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को सस्ती दवा लिखते हैं, लेकिन पूरी धांधली शुरू होती है दवा काउंटर पर. जब यहां मरीज या परिजन पर्ची लेकर पहुंचते हैं तो वहां पर्ची में खाली जगह पर फार्मासिस्ट डॉक्टरों की मिलती-जुलती हैंडराइटिंग में महंगी दवाई ‘रेबोलसेस टेबलेट’ का नाम जोड़ देते हैं. मीडिया संस्थान दैनिक भास्कर का दावा है कि उनकी जांच में पाया गया कि पर्ची में डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा के नाम और बाद में लिखी गई दवा की हैंडराइटिंग में बिल्कुल मामूली सा ही अंतर होता है.
9 महीने में 1.5 करोड़ की दवा पार
रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल में पिछले 9 महीने में 5 हजार से ज्यादा ‘रेबोलसेस टेबलेट’ के पत्ते बांटे गए हैं. ये वही दवा है जिनकी 10 टेबलेट का एक पत्ता मार्केट में करीब 3000 रुपए का है. पूरे मामले का खुलासा होने पर इस पूरे गड़बड़ घोटाले में फार्मासिस्टों और कुछ डॉक्टरों के नाम सामने आने की बात कही जा रही है.
