Bijapur: नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है. दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों का स्नाइपर सोढ़ी कन्ना को मार गिराया है. उस पर 8 लाख का इनमा था.
ढेर हुआ सोढ़ी कन्ना
नक्सलियों का स्नाइपर सोढ़ी कन्ना PLGA बटालियन नंबर 1 के कंपनी नंबर 2 का डिप्टी कमांडर था. उसके ऊपर छत्तीसगढ़ सरकार ने 8 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. मुठभेड़ में जवानों ने उसे मार गिराया है. वह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके का रहने वाला था. सोढ़ी कन्ना अपने साथ Ak-47 रखता था.
नक्सलियों का स्नाइपर
स्नाइपर वो निशानेबाज होता है, जो छिपकर या लंबी दूरी से सटीक निशाना लगाता है. स्नाइपर्स को आमतौर पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है.
कई बड़ा वारदातों को दिया था अंजाम
सोढ़ी कन्ना टेकलगुड़ियम क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों, धरमारम कैंप पर हमले समेत कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है. वह सीसीएम माड़वी हिडमा का सहयोगी था और बटालियन में स्नाइपर के रूप में कार्यरत था. उसके मारे जाने से माओवादी संगठन को स्नाइपर क्षमताओं के लिहाज से भारी क्षति हुई है.
दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर मुठभेड़
4 जुलाई की रात दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर इंद्रावती नेशनल पार्क एरिया में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी. इस सूचना के आधार पर दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर , सुकमा के DRG जवान इंद्रावती नेशनल पार्क एरिया में सर्च अभियान पर निकले थे. सर्चिंग के दौरान 5 जुलाई को नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी. इसके जवाब में जवानों ने भी कार्रवाई की. इस मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हो गया था, जिसकी पहचान अब सोढ़ी कन्ना के रूप में हुई है.
शव और हथियार बरामद
जवानों ने वर्दीधारी नक्सली सोढ़ी कन्ना का शव, एक 303 रायफल, भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री एवं नक्सल संबंधी अन्य सामान भी बरामद किया है.
18 महीने में 415 हार्डकोर नक्सली ढेर
बस्तर IG पी सुंदरराज ने बताया कि साल 2024 में प्राप्त निर्णायक सफलताओं को आगे बढ़ाते हुए, वर्ष 2025 में भी बस्तर संभाग में प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी सीपीआई संगठन के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा सघन, रणनीतिक एवं निरंतर अभियान संचालित किए जा रहे हैं. बीते 18 महीनों (2024–25) में अब तक 415 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं. यह आंकड़ा सुरक्षा बलों की कुशल योजना, साहसिक कार्रवाई और जनसमर्थन का स्पष्ट प्रमाण है.
