CG News: बिलासपुर जिले के कोटा में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार और RSS पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री तो है. लेकिन, सरकार की ओर से विश्व आदिवासी दिवस पर कोई भी कार्यक्रम नहीं कराया गया.
भाजपा चाहती थी मैं शरणागत हो जाऊं – भूपेश बघेल
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बिलासपुर में पत्रकारों से कई ज्वलन्त मुद्दों पर बातचीत की. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चाहती थी कि मैं शरणागत हो जाऊं लेकिन मैं हिमंत बिस्वा सरमा नहीं हूं. उन्होंने कहा कि- प्रदेश में आज आदिवासी CM हैं, लेकिन आदिवासियों के अधिकारों का हनन हो रहा है. नक्सलियों के नाम पर आदिवासियों को जेल भेजा जा रहा, फर्जी एनकाउंटर किया जा रहा है, उनके खिलाफ सैकड़ों केस लगे हुए हैं.
जंगल काटने के मामले में साधा निशाना
उन्होंने ने 20 महीनों में 35-40 हजार आदिवासी प्रदेश छोड़ने के लिए बाध्य हैं. ये तब हो रहा है, जब प्रदेश में आदिवासी CM है. तमनार का जंगल काटा जा रहा है. जिस गांव में अदाणी के लिए जंगल काटा गया, वहां हमारी सरकार में सामुदायिक पट्टे दिए थे. CM के पदभार ग्रहण करने के पहले हसदेव में कटाई शुरू हुई. हमारी सरकार में विस में संकल्प लाया गया था. भारत सरकार को पत्र लिखा था, पेड़ न कटे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. प्रतिवर्ष जितना कोयला का अनुमति मिला उससे ज्यादा खुदाई हो रही, कोयला राजस्थान जा रहा है या अदाणी के पास जा रहा है. प्रदेश में आदिवासी सीएम के चेहरे को आगे रखकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है. आदिवासी CM इसलिए बनाए. जंगल उजाड़ा जा सके. उद्योगपतियों को सौंपा जा सके. आदिवासियों महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है.
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वोट चोरी के मामले पर बोले भूपेश
वोट चोरी के खुलासे को लेकर उन्होंने कहा- आंकड़े, तथ्य के साथ राहुल गांधी ने खुलासा किया. लोगों का विश्वास डगमगा गया है. हम लगातार कह रहे थे, वोट चोरी हो रहा है. वोटों में बड़ी गड़बड़ियां हुई हैं. यहां भी छग में .. 1800 वोट से कांकेर हारे, लोकसभा की कुछ सीटें हैं. विस में भी यही स्थिति है.. कांकेर, पत्थलगांव, अंबिकापुर, चोरी के वोट से सरकार बनाई. निर्वाचन आयोग निष्पक्ष नहीं होगा, लोगों के मत चोरी होंगे तो चुनाव का कोई औचित्य नहीं. चुनाव आयोग भाजपा के आनुषंगिक संगठन के रूप में देखा जा रहा है. दाल में काला नहीं यहां पूरी दाल काली है. निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष और मेंबर मोदी जी के कृपापात्र हैं.
