CG Budget Session: धान पर सियासत होना छत्तीसगढ़ राजनीति में परंपरा बन चुकी है. छत्तीसगढ़ में बजट सत्र के 11वें दिन विपक्ष ने सेंट्रल पूल में धान उपार्जन पर स्थगन प्रस्ताव लाया. विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया. जिसके बाद सदन में जमकर नारेबाजी हुई. विपक्ष ने क्यों धान उपार्जन पर स्थगन लेकर आया.
बजट सत्र में 11वें दिन धान पर छिड़ी रार
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में बंपर धान खरीदी हुई. समर्थन मूल्य पर 149 लाख 24 हजार 710 मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ. धान में 40 लाख मीट्रिक टन धान अतिशेष हो रहा. 13 लाख 34 हजार मीट्रिक टन चावल स्टेट पूल में खपेगा. 19 लाख 91 हजार मीट्रिक टन धान की मिलिंग से पूरा हो जाएगा. 70 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पूल में भारतीय खाद्य निगम लेगा. लगभग 89 लाख मीट्रिक टन धान से पूरा हो जाएगा. 40 लाख टन धान बेचने का निर्णय सरकार ने किया. 40 लाख टन धान बेचने से करीब 8 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति छग को होगी. विपक्ष ने सरकार गंभीर आरोप लगाए.
कांग्रेस ने लाया स्थगन प्रस्ताव, जमकर किया हंगामा
विपक्ष ने धान खरीदी और केंद्रीय पूल में पूरा चावल नहीं लेने पर स्थगन प्रस्ताव लाया. विपक्ष इसपर चर्चा करना चाहता था. विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया जिसकी वजह से कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया. सदन में घमासान के दौरान कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भगृह तक पहुंच गए. तब कांग्रेस के 29 विधायकों को अध्यक्ष ने निलंबित कर दिया और सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
दरअसल राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड स्तर पर धान की खरीदी कर दी. कस्टम मिलिंग के बाद धान उपार्जन की स्थिति ऐसी बनी कि केंद्रीय पूल में कोटा बढ़ाने की जरूरत पड़ गई..केंद्र की सरकार ने अब तक चावल का कोटा बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी. विपक्ष का इसपर कहना है कि 40 लाख मीट्रिक टन धान की नीलामी से करीब 8 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति छत्तीसगढ़ को पहुंचेगी.
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खाद्य मंत्री बोले- धान की नीलामी से कोई नुकसान नहीं
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है..सबसे ज्यादा यहां धान की पैदावार होती है. 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान की खरीदी की जाने की घोषणा के बाद प्रदेश में इस बार रिकॉर्ड स्तर पर धान खरीदी हुई है. ऐसे में अब धान के उपार्जन को लेकर सरकार के समाने बड़ी चुनौती है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर केंद्रीय पूल में चावल जमा करने का कोटा बढ़ाने का आग्रह किया है. हालांकि इसपर अब तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है. ऐसे में सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है. जिसे लेकर विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव भी लाया गया. खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने विपक्ष के आरोप पर कहा कि छत्तीसगढ़ को धान की नीलामी से कोई नुकसान नहीं होगा.
छत्तीसगढ़ में बंपर धान की खरीदी के बाद सरकार बचे धान की नीलामी की तैयारी में है..हालांकि विपक्ष इससे आर्थिक नुकसान होने की बात कह रही है..तो वहीं सरकार ने इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली है.अब देखना होगा कि आखिर धान का निष्पादन सरकार कैसे करती है.
