CG Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में सरगुजा संभाग एक ऐसा इकलौता संभाग है, जहां मुख्यमंत्री समेत कुल 5 मंत्री अब हो गए हैं. संभाग में कुल 6 जिले हैं और पांच मंत्री बनने के बाद सरकार में सरगुजा का दबदबा बढ़ गया है. पहली बार राज्य बनने के बाद सरगुजा संभाग के जशपुर जिले से विष्णु देव साय को भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया तो इसके साथ ही साथ बलरामपुर जिले के सीनियर आदिवासी नेता राम विचार नेताम को विधायक बनने के बाद कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई इसके अलावा पहली बार विधायक बनी सूरजपुर जिले की लक्ष्मी राजवाड़े को महिला बाल विकास विभाग का मंत्री बना दिया गया तो दूसरी तरफ कोरिया जिले से अलग होकर बने एमसीबी जिले के श्याम बिहारी जायसवाल को स्वास्थ्य विभाग में मंत्री का पद दिया गया। अब अंबिकापुर विधानसभा से राजेश अग्रवाल को सरकार में मंत्री बना दिया गया है, मतलब साफ है कि सरगुजा संभाग के कुल 6 जिलों में से चार जिले में मंत्री और एक मुख्यमंत्री हैं.
राजेश अग्रवाल के मंत्री बनने से सरगुजा में कैसा होगा BJP का परिदृश्य
हालांकि सरकार में राजेश अग्रवाल को मंत्री बनाए जाने के बाद राजनीतिक परिदृश्य सरगुजा संभाग में बदला हुआ दिखाई देगा. खासकर सरगुजा सहित संभाग के अन्य क्षेत्र में यहां का राजनीतिक समीकरण अब राजेश अग्रवाल के आसपास घूमता हुआ दिखाई देगा. राजेश अग्रवाल को मंत्री बनाए जाने के बाद पार्टी के अंदरखाने में खासकर सरगुजा जिले में उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है. कई स्थानीय नेता अंदर से नाराज हैं, उन्हें डर इस बात का है कि राजेश अग्रवाल को मंत्री बनाए जाने के बाद उनका कद घट जाएगा हालांकि सरकार में अंबिकापुर में युवा आयोग और हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष भी आते हैं, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर आने वाले दिनों में अंबिकापुर की राजनीति आखिर कितनी बदली हुई दिखाई देने वाली है, क्योंकि अंबिकापुर में भारतीय जनता पार्टी का एक धड़ा राजेश अग्रवाल को मंत्री के रूप में देखना नहीं चाह रहा था, तो उनके समर्थको में जोश हाई है. यह बात जरूर है कि भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन इतनी तगड़ी है कि अंदर खाने की बगावत बाहर सामने नहीं आ पाती और यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी नाराज नेताओं को भी साधने में पूरा जोर लगा देती है.
किसका बढ़ेगा और किसका घटेगा कद
दूसरी तरफ राजेश अग्रवाल का आम लोगों के बीच में अलग ही छवि है, लोग उन्हें सरल सहज स्वभाव के धनी मानते हैं और उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा लोगों की पहली पसंद है. इतना ही नहीं लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं को जानने समझने और उन्हें दूर करने के लिए राजेश अग्रवाल को कई बार आम लोगों के बीच में ही देखा गया है. यही वजह है कि राजेश अग्रवाल ने कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को विधानसभा चुनाव में पटखनी दी और 94 वोट से उन्हें हराया था। माना जा रहा है कि सिंह देव को विधानसभा चुनाव में हराने की वजह से ही राजेश अग्रवाल का कद और बढ़ा. मंत्री बनने में यही उनकी बड़ी प्रोफाइल सिद्ध साबित हुई है हालांकि बड़ी बात यह है कि राजेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले कांग्रेस में ही थे और वे उप सरपंच और नगर पंचायत उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.
