CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में आरोपी चार्टड अकाउंटेंट संजय कुमार मिश्रा को जमानत मिल गई है. CA संजय कुमार मिश्रा को शराब घोटाला मामले में गड़बड़ी करने के आरोप में EOW ने गिरफ्तार किया था. अब जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर स्थिक छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने CA संजय कुमार मिश्रा को जमानत दे दी है.
FL-10 लाइसेंस के जरिए गड़बड़ी का है आरोप
EOW की जांच के दौरान CA संजय मिश्रा पर विदेशी शराब के मामाले में FL-10 लाइसेंस के जरिए गड़बड़ी सामने आई थी. करीब 2 महीने पहले शराब घोटाला केस में EOW ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसमें चार्टड अकाउंटेंट संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह शामिल थे.
जांच में सामने आया था कि संजय और मनीष ने नेक्स्टजेन पावर कंपनी बनाई और FL-10 लाइसेंस लेकर राज्य में महंगी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की सप्लाई की. आरोप है कि ओम साई ब्रेवरेज से जुड़े विजय कुमार भाटिया ने अलग-अलग खातों और डमी डायरेक्टरों के जरिए शराब घोटाला मामले में करोड़ों रुपए निकाले. जबकि नेक्सजेन पावर इंजिटेक से संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को 11 करोड़ मिलने के आरोप लगे हैं.
FL-10 लाइसेंस क्या है?
FL-10 का फुल फॉर्म ‘फॉरेन लिकर-10’ है. यह लाइसेंस छत्तीसगढ़ में विदेशी शराब की खरीद के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया था. जिन कंपनियों को यह लाइसेंस प्राप्त होता है, वह निर्माताओं से शराब खरीदकर सरकार को आपूर्ति करती हैं. इन्हें तृतीय पक्ष (थर्ड पार्टी) भी कहा जा सकता है. खरीद के अलावा इस लाइसेंस के तहत भंडारण और परिवहन का कार्य भी शामिल है. हालांकि, इन कंपनियों ने भंडारण और परिवहन का काम नहीं किया, बल्कि यह कार्य बेवरेज कॉर्पोरेशन को सौंपा गया था.
इस लाइसेंस में दो श्रेणियां होती हैं: A और B-
FL-10 A: इस श्रेणी के लाइसेंस धारक देश के किसी भी राज्य के निर्माताओं से भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) खरीदकर विभाग को बेच सकते हैं.
FL-10 B: इस श्रेणी के लाइसेंस धारक राज्य के शराब निर्माताओं से विदेशी ब्रांड की शराब खरीदकर विभाग को बेच सकते हैं.
