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CG शराब घोटाला: चैतन्य बघेल और कवासी लखमा से मिलने जेल पहुंचे सचिन पायलट, BJP पर बोला हमला

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सचिन पायलट

CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट 26 जुलाई को रायपुर दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शराब घोटाले में फंसे पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात की. दोनों से मिलने के लिए सचिन पायलट रायपुर जेल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने दोनों से बातचीत की. इसके बाद बाहर आकर कांग्रेस नेताओं से भी मुलाकात और बातचीत की.

सचिन पायलट ने BJP पर बोला हमला

चैतन्य बघेल और कवासी लखमा से मिलने के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा- ‘जेल में पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल से चर्चा हुई. चैतन्य बघेल ने प्रदेश प्रभारी से कहा- न्यायिक लड़ाई लड़ेंगे. सरकार विपक्षी दलों को दबाने का प्रायस कर रही है.’

इसके आगे सचिन पायलट ने कहा- ‘BJP केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विरोधी दलों के लिए कर रही है. 10 साल में किसी BJP नेता के विरुद्ध कोई जांच सेंट्रल एजेंसी ने नहीं की है.’

आक्रमक मोड में कांग्रेस

बता दें कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस आक्रामक मोड पर है. लगातार प्रदर्शनों को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. वहीं, सरकार को घेरने कोशिश भी की जा रही है. ऐसे में सचिन पायलट का छत्तीसगढ़ दौरा आने वाले दिनों में कांग्रेस को एक नई रणनीति दे सकता है. अब देखना होगा कि सचिन पायलट के दौरे के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में और क्या नया रंग देखने को मिलता है.

जेल में चैतन्य बघेल

3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में ED की टीम ने पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है. 18 जुलाई की सुबह-सुबह भूपेश बघेल के घर पर ED की टीम पहुंची. गिरफ्तारी के बाद चैतन्य को कोर्ट में पेश किया गया और वहां से ED ने रिमांड पर ले लिया.

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छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी यानी साल 2018 से 2023 के बीच प्रदेश में करीब 3200 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ है. इसे लेकर EOW ने चार्जशीट में जानकारी दी है कि इस घोटाले के पैसे से 11 आरोपी अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम करोडों की जमीन और दौलत भी खरीदी है. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक EOW के मुताबिक इन्होंने पूरे शराब घोटाले में करीब 61 लाख अवैध पेटी शराब बिकवाकर 2174 करोड़ रुपए की चपत लगाई थी. लेकिन अब जब इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई तो पता चला कि यह घोटाला 2174 नहीं बल्कि 3200 करोड़ से अधिक का है.

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