CG News: EOW की टीम ने रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे एक्स्प्रेसवे में गड़बड़ी के मामले में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है. 30 अप्रैल को EOW की टीम ने रायपुर स्थित दशमेश बिल्डर्स के ऑफिस पर छापा मारा है. EOW के अधिकारियों की टीम दशमेश बिल्डर्स के ऑफिस में जांट कर रही है.
रायपुर में EOW की रेड
EOW की टीम ने रायपुर के तेलीबांधा तालाब के सामने स्थित दशमेश बिल्डर्स के ऑफिस पर छापा मारा है. दशमेश डेवलपर्स हरमीत सिंह खनूजा की कंपनी है. कुछ दिनों पहले ही इस घोटाला मामले में हरमीत सिंह खनूजा को गिरफ्तार किया गया था.
भारतमाला प्रोजेक्ट में 300 करोड़ का घोटाला
रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच बन रहे एक्सप्रेस वे को रसूखदार और अधिकारियों ने मोटी कमाई और भ्रष्टाचार का एक्सप्रेस वे बना दिया. भारत सरकार की भारत माला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच एक्सप्रेस वे बनाया जाना है. छत्तीसगढ़ से विशाखापट्टनम की दूरी करीब 546 किलोमीटर है. कॉरिडोर बन जाने से यह दूरी घटकर 463 किमी हो जाएगी. यानी रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 83 किमी कम हो जाएगी. लेकिन इसी एक्सप्रेस वे के लिए जमीनों का अधिग्रहण करने में कुछ सरकारी अधिकारियों ने 326 करोड़ का घोटाला कर दिया.
जानिए कैसे हुआ ‘मुआवजे का महाघोटाला’
रायपुर के अभनपुर ब्लॉक में इस घोटाले को अंजाम दिया गया है. जानकारी के मुताबिक एकड़ के जमीनों को 500 से 1 हजार वर्ग मीटर में काटा गया. वहीं, 32 प्लॉट को काटकर 142 प्लॉट बनाया गया. 32 प्लॉट का मुआवजा 35 करोड़ बन रहा था, लेकिन छोटे टुकड़े काटने के बाद ये मुआवजा 326 करोड़ हो गया और भुगतान 248 करोड़ रुपए का हो गया. इसमें 78 करोड़ का क्लेम बाकी था, जिसके बाद भंडाफोड़ हुआ. इसमें छोटे उरला, बड़े उरला, नायक बांधा गांव के किसानों की जमीन में गोल माल हुआ है.
