CG News: छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपने ही कैबिनेट मंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन को बागी प्रत्याशी की जीत पर बधाई देना भारी पड़ गया. लेकिन इस पूरे मामले की इनसाइड स्टोरी क्या है, वो आपको बताते है.
बधाई देना पड़ा महंगा, बीजेपी ने अपने ही मंत्री को दिया नोटिस
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के निर्देश पर कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. ये कार्रवाई बागी सभापति के जीत पर बधाई देने को लेकर की गई है. मंत्री लखन लाल देवांगन ने इसका जवाब दे दिया है. ऐसे में अपने ही कैबिनेट मंत्री को बीजेपी ने आखिर क्यों नोटिस जारी किया है.
बीजेपी से बागी होकर नूतन ठाकुर बने सभापति
कोरबा नगर निगम में मेयर के बाद 8 मार्च को सभापति का चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी ने हितानंद अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया था. जिसके बाद बीजेपी के ही नूतन ठाकुर ने बागी होकर सभापति का चुनाव लड़ा था, लेकिन जब चुनाव हुआ तो, नूतन ठाकुर को 33 वोट मिले और हितानंद अग्रवाल को 18 वोट मिले. कोरबा नगर निगम में 68 में से सबसे ज्यादा बीजेपी के 45 पार्षद होने के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा. इसमें भी सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि बीजेपी प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को सभी 11 कांग्रेस पार्षदों ने वोट दिया, लेकिन बीजेपी के 45 पार्षदों में से सिर्फ 7 पार्षदों ने हितानंद को वोट दिया, जबकि 33 पार्षदों ने बागी प्रत्याशी नूतन ठाकुर को वोट दिया, लेकिन इतने बड़े उलटफेर के बाद भी बागी प्रत्याशी नूतन ठाकुर को जीतने के बाद कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने बधाई दे दी. जिसके बाद नाराज होकर प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर लखन लाल देवांगन को नोटिस जारी कर दिया गया.
कोरबा नगर निगम में क्यों मचा घमासान
दरअसल जब कोरबा नगर निगम के सभापति प्रत्याशी के लिए नाम की घोषणा पर्यवेक्षक पुरंदर मिश्रा ने की तो 40 से ज्यादा बीजेपी पार्षदों ने खड़ा होकर हितानंद के नाम का विरोध किया. कुछ पार्षदों ने यहाँ तक कह दिया कि हम वोट नहीं देंगे विरोध को देखते हुए पर्यवेक्षक ने प्रदेश संगठन से बात की. प्रदेश संगठन ने किसी दूसरे पार्षद को उम्मीदवार बनाने की सहमति दी. जिसके बाद तीर्थ साहू को फॉर्म भराने की तैयारी की गई लेकिन समय खत्म होने के कारण उनका फॉर्म नहीं भरा जा सका जानकारी के मुताबिक हितानंद कांग्रेस के पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के करीबी माने जाते हैं. जिनको लखन लाल देवांगन ने विधानसभा चुनाव में हराया था. इसलिए बीजेपी पार्षदों ने हितानंद का पुरजोर विरोध किया.
मामले में जमकर हो रही राजनीति
ये मामला बहुत बड़ा है. इसीलिए अब इस पर खूब राजनीति भी हो रही है. अब बीजेपी के अंदर इतना कुछ हुआ है तो पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने मौके का फायदा उठाते हुए कहा है कि बीजेपी के अंदर तानाशाही है… जीत की बधाई देने पर ऐसी कार्रवाई कौन करता है, वहीं पलटवार करते हुए BJP प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कहा कि 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है और बीजेपी में अनुशासन का बड़ा महत्व है.
