CG News: छत्तीसगढ़ पाठयपुस्तक निगम के किताब वितरण को लेकर कई तरह की समस्याएं आ रही थी. जिसके बाद अब किताबों को लेकर आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत डिपो में बैठकर किताबों की स्कैनिंग नहीं करनी होगी. इसके बजाय शिक्षक किताबें सीधे स्कूल ले पाएंगे और वहीं पर स्कैनिंग की करनी होगी. इसके लिए 7 दिन तक समय मिलेगा.
अब स्कूल से किताबें ले पाएंगे टीचर्स नियमों में हुआ बदलाव
दरअसल पाठ्यपुस्तक की डिपो में पहले ही दिन से किताबें उठाने को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी. स्कूल संचालकों को किताबें स्कैन करने के कारण काफी समय लग रहा था.
ऐसे में दूसरे ही दिन छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मांग रखी थी और तीसरे तीन पुस्तक उठाना बंद कर निगम कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया. स्कूल संचालकों की परेशानी को पत्रिका ने 3 जुलाई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद पाठ्य पुस्तक निगम ने नियमों में बदलाव किया है.
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स्कैनिंग में लग रहा था समय
बता दें कि हर स्कूल को उनके बच्चों के हिसाब से हजारों किताबें बांटनी थी. इसलिए स्कैनिंग करने में ही सभी को काफी समय लग रहा था. वहीं, सर्वर भी ठीक से काम नहीं कर रहा था. इसके चलते शिक्षक परेशान हो रहे थे. वहीं डिपो में पीने का पानी, प्रसाधन जैसी सुविधाएं भी नहीं थी. कई शिक्षक रात तक रूक कर स्कैनिंग का कार्य कर रहे थे। ऐसी ही कई दिक्कतों का सामना स्कूल संचालकों और करना पड़ रहा था.
शिक्षकों ने रखी थी ये मांग
प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की तीन मांग थी. इसमें किताबें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा जिलों में उपलब्ध करवाए जाने. किताबें अपने स्कूल में ले जाकर बारकोड स्कैन करने की सुविधा दिए जाने और दर्ज संख्या के हिसाब से किताबें स्कूलों को दिए जाने की मांग रखी गई थी.
