CG News: छत्तीसगढ़ में पुलिस महकमे की गाड़ियों ने ढाई साल में 300 करोड़ रुपए का डीजल पी गई. गजब की बात यह है कि पुलिस ने अपनी निजी 22 हजार गाड़ियों में 130 करोड़ का डीजल डलवाया, तो वही, प्राइवेट अधिग्रहित गाड़ियों में 170 करोड़ का डीजल डलवा दिया. ऐसे में सवाल उठ रहे है कि अधिग्रहित गाड़िया इतना डीजल गाड़ी कैसे पी गई.
300 करोड़ का डीजल पी गईं पुलिस की गाड़ियां
पुलिस ने सरकारी वाहनों में तो बेतहाशा डीजल डलवाया ही, लेकिन किराए की गाड़ियों ने भी खूब डीजल पिया. जनवरी 2023 से जून 2025 तक पुलिस की गाड़ियों में 300 करोड़ का डीजल डलवाया गया. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में तो सरकारी गाड़ियों में कम और किराए की गाड़ियों में ज्यादा ईंधन डलवाया गया है, जबकि किराए की गाड़ियों में डीजल की रोजाना के हिसाब से निश्चित मात्रा किराए में शामिल होती है, लेकिन इसके बाद भी अलग से 170 करोड़ का डीजल डलवाया गया.
इन जिलों की पुलिस गाड़िया सबसे ज्यादा पीती है तेल
छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में ढाई साल में 22 हजार 543 सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल हुआ है.. इन गाड़ियों ने 130 करोड़ रुपए का डीजल पिया, जबकि 66 हजार निजी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया. जिसमें गाड़ी के किराए अलावा 170 करोड़ रुपए का डीजल डलवाया गया. सरकारी गाड़ियों में सबसे ज्यादा रायपुर जिले में एक साल में 8 करोड़ का डीजल डलवाया गया. वहीं निजी क्षेत्रों की गाड़ियों में सबसे ज्यादा बीजापुर जिले में एक साल में डबल यानी कि 16 करोड़ का डीजल डलवाया गया. संभाग स्तर पर बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा 116 करोड़ रुपए का डीजल डलवाया गया. जिसमें सरकारी 45 करोड़ और निजी में 71 करोड़ का डीजल डलवाया गया.
विजय शर्मा ने की जांच की बात
हमारे सहयोगी ने इस खेल की जमीनी हकीकत पता करने निकले, तो पता चला कि पुलिस की एक गाड़ी लोकल क्षेत्र में 100 से 150 किलोमीटर से ज्यादा नहीं चलती है.. जब गाड़िया बाहर जाती है.. तो एक दिन में 500 से ऊपर कभी कभार चलती है. सूत्र बताते है कि सरकारी गाड़ियों के डीजल और मरम्मत में मोटी कमाई होती है, लेकिन उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा इसमें जांच करवाने की बात कह रहे है.
छत्तीसगढ़ के कई ऐसे जिले है.. जहां न तो VIP मूवमेंट होता है, न ही जिला के बड़ा क्षेत्रफल है.. फिर भी करोड़ों रुपए का डीजल गाड़ी पी रही है, तो ऐसे में कई सवाल उठते है. फिलहाल देखना होगा विभाग आगे इसने क्या फैसला लेता है.
