CG News: छत्तीसगढ़ में सियासी उठा-पटक के बीच कांग्रेस ने संगठन सृजन कार्यक्रम के पहले चरण की शुरुआत कर दी है. इसके तहत बूथ, मंडल और ब्लॉक स्तर पर नियुक्तियां की जाएंगी. इस दौरान प्रदेश के 24 हजार से अधिक बूथों में नई कमेटी बनाने पर कांग्रेस का सबसे अधिक फोकस होगा. इसके साथ ही पहली बार कांग्रेस में मंडल स्तर पर भी नियुक्तियां की जाएंगी. इस प्रक्रिया को 3 महीने में पूरा कर लिया जाएगा.
ऐसा होगा कांग्रेस का संगठन सृजन कार्यक्रम
- पहले चरण में बूथ, मंडल, ब्लॉक स्तर पर होगी नियुक्तियां
- प्रदेश के सभी बूथों में 10 लोगों की कमेटियों का होगा पुनर्गठन
- पहली बार कांग्रेस में मंडल स्तर पर भी की जाएंगी नियुक्तियां
- जिला प्रभारी वरिष्ठ नेताओं की सहमति के आधार पर करेंगे गठन
- मंडल के बाद सभी ब्लॉक कमेटियों का भी होगा पुनर्गठन
- रायपुर और उदयपुर अधिवेशन फॉर्मूले पर होगी नियुक्तियां
- सभी वर्गों, महिलाओं, युवाओं की भागीदारी होगी अनिवार्य
- अंडर 50 लोगों को अधिक से अधिक स्थानों पर मिलेगा अवसर
रायपुर और उदयपुर अधिवेशन फॉर्मूले पर होगी नियुक्तियां
संगठन सृजन कार्यक्रम के पहले चरण में ब्लॉक स्तर तक सभी नियुक्तियों को पूरा किया जाएगा. इसके बाद जिले स्तर पर संगठन सृजन कार्यक्रम की शुरुआत होगी. जिला अध्यक्षों के चयन के लिए AICC ऑब्जर्वर छत्तीसगढ़ भेजेगी. सभी जिलों में जाकर ऑब्जर्वर वरिष्ठ नेताओं की सहमति से जिला कांग्रेस अध्यक्षों का चयन करेंगे. राहुल गांधी जिला अध्यक्षों को ताकतवर बनना चाहते हैं इसलिए जिला अध्यक्ष चुनने में कांग्रेस खासी सावधानी बरत रही है.
संगठन सृजन कार्यक्रम को लेकर सियासत
बहरहाल कांग्रेस के संगठन सृजन कार्यक्रम को लेकर सियासत भी तेज हो गई है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज जहां संगठन सृजन कार्यक्रम के माध्यम से पार्टी को कमजोर स्थानों पर मजबूती मिलने की बात कर रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी सवाल पूछ रही है कि ‘आखिर किस संगठन का सृजन किया जा रहा है. दीपक बैज के कांग्रेस का सृजन हो रहा है या भूपेश बघेल के कांग्रेस का.’
नए चेहरों को मिलेगा अवसर
कांग्रेस के संगठन सृजन कार्यक्रम में जहां कई पुराने चेहरे बदले जाएंगे. वहीं, नए चेहरों को अवसर भी मिलेगा. इस कार्यक्रम के तहत पहली बार कांग्रेस मंडलों तक संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान का पहला चरण कब पूरा होता है. इससे कांग्रेस को कितनी मजबूती मिलती है और गुटीय अंतरकलह को रोकने में कांग्रेस कितनी सफल होती है.
