नवेंद्र कुमार रघुवंशी (नारायणपुर)
CG News: नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के टाइगर ब्वाय चेंदरू का परिवार मुश्किल दौर से गुजर रहा है. देश-दुनिया में प्रसिद्ध चेंदरू मंडावी के छत्तीसगढ़ के मोगली के नाम से चर्चित स्वर्गीय चेंदरू मंडावी की 70 साल की बेवा समेत परिवार के सदस्यों को गरीबी के चलते चेंदरू के परिवार के बच्चे पढ़ाई को अधूरा छोड़कर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहे है. बस्तर के पहले हॉलीवुड कलाकार टाइगर बॉय चेंदरू के परिवार की दर्द भरी दास्तां को दुनिया के सामने लाने हमारी टीम उनके गांव गढ़बेंगाल पहुंची तो बदहाली की कई बातें सामने आई है.
बदहाली के दौर में गुजर रही टाइगर बॉय ‘चेंदरू’ का परिवार
बदहाली के दौर के गुजर रहे शेर दिल चेंदरू मंडावी के परिवार में संकट के बादल मंडराने लगे है. 14 साल पहले बाढ़ की चपेट में आने से इनका घर बह गया था. बड़े बेटे की पत्नी और नाती की मौत हो चुकी है. जिसके बाद दो पुत्रों की आकस्मिक मौत होने से पूरा परिवार टूट गया है. इनके बच्चों को गरीबी के चलते पढ़ाई बीच मे छोड़ना पड़ा है. संघर्ष के बीच इनकी दो नाती पढ़ रही है. अब सरकार से पढ़ाई करने के लिए मदद की गुहार लगाई जा रहीं है.
गांव में ना सड़क ना पढ़ाई की सुविधा
अबूझमाड़ के प्रवेशद्वार ग्राम गढ़बेंगाल में रहने वाला चेंदरू बाघ के साथ खेलने वाला एक आदिवासी बच्चा था. वर्ष 1957 में स्वीडिश फिल्म निर्माताओं ने चेंदरू पर फिल्म बनाई थी, जब फिल्म बनाई गई थी. उस समय चेंदरु की उम्र केवल दस साल थी. चेंदरू मंडावी अविभाजित मध्यप्रदेश का एकमात्र ऐसा आदिवासी बच्चा था, जिसने पहली बार हालीवुड की फिल्म में काम किया था. अभाव और विपदा भरी जिंदगी व्यतीत करते हुए चेंदरु की 78 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई.
