CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ के सीजीपीएससी घोटाला मामले में CBI ने बड़ी कार्रवाई की है. CBI ने CGPSC के पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित पीएससी के पूर्व सचिव के बेटे सुमित ध्रुव समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
CBI ने ये कार्रवाई छत्तीसगढ़ में चल रही जांच के तहत की गई है इस मामले में अब तक कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और मामले की गहन जांच जारी है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के इस बड़े घोटाले में गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है.
क्या है CGPSC घोटाला?
साल 2020 से 2022 के दौरान डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए हुई CGPSC परीक्षा में टामन सोनवानी के रिश्तेदार समेत कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे. इन्हीं आरोपों के आधार पर CBI ने मामला दर्ज किया था. इस केस की जांच जारी है. इस मामले में CBI की टीम CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
सीबीआई ने यह मामला (RC1242024A0004) 9 जुलाई 2024 को दर्ज किया था, जो छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 16 फरवरी और 10 अप्रैल 2024 को जारी अधिसूचनाओं के आधार पर हुआ.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और अन्य अधिकारी, 2020 से 2022 के बीच आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में अपने पुत्र, पुत्री और रिश्तेदारों का चयन करवाने में शामिल थे.
2021 भर्ती प्रक्रिया में ही 1,29,206 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक परीक्षा दी, जिनमें से 2,548 मुख्य परीक्षा के लिए चुने गए. इनमें 509 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार चरण पार किया और 170 को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया. आरोप है कि चयनित उम्मीदवारों में कई आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे जुड़े हुए थे.
इससे पहले भी सीबीआई ने तत्कालीन अध्यक्ष, तत्कालीन डिप्टी कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, चार चयनित उम्मीदवारों और एक निजी व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
गिरफ्तार किए गए पाँचों आरोपितों को पुलिस रिमांड हेतु अदालत में पेश किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि अब जांच उन अन्य उम्मीदवारों की ओर भी बढ़ाई जाएगी, जिन्हें कथित रूप से परिणामों में धांधली से लाभ मिला.
