Chhattisgarh: भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के मामले में ACB-EOW की टीम ने बड़ा एक्शन लिया है. शुक्रवार सुबह-सुबह ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) और EOW (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) की टीम ने प्रदेशभर में करीब 20 जगहों पर रेड मारी है. माना जा रहा है कि इस दौरान भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर कई अहम सबूत अधिकारियों को मिल सकते हैं.
17-20 अधिकारियों के ठिकानों पर दबिश
जानकारी के मुताबिक भारत माला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में करीब 17 से 20 अधिकारियों के ठिकानों पर दबिश दी गई है. इनमें SDM, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक समेत कई राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हैं, जिनके ठिकानों पर कार्रवाई जारी है. राजधानी रायपुर के सेजबहार में पटवारी के घर पर पर भी छापा पड़ा है.
अहम दस्तावेज जुटाने में जुटी टीम
ACB-EOW की टीम ने जिन जगहों पर रेड मारी है उनमें रायपुर समेत अभनपुर,आरंग और दुर्ग-भिलाई लोकेशन शामिल है. इस रेड के दौरान ACB और EOW की संयुक्त टीम ने भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी से जुड़े अहम दस्तावेज और प्रमाण जुटाने की कोशिश में है.
भारत माला प्रोजेक्ट में 300 करोड़ का घोटाला
रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच बन रहे एक्सप्रेस वे को रसूखदार और अधिकारियों ने मोटी कमाई और भ्रष्टाचार का एक्सप्रेस वे बना दिया. भारत सरकार की भारत माला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच एक्सप्रेस वे बनाया जाना है. छत्तीसगढ़ से विशाखापट्टनम की दूरी करीब 546 किलोमीटर है. कॉरिडोर बन जाने से यह दूरी घटकर 463 किमी हो जाएगी. यानी रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 83 किमी कम हो जाएगी. लेकिन इसी एक्सप्रेस वे के लिए जमीनों का अधिग्रहण करने में कुछ सरकारी अधिकारियों ने 326 करोड़ का घोटाला कर दिया.
जानिए कैसे हुआ ‘मुआवजे का महाघोटाला’
रायपुर के अभनपुर ब्लॉक में इस घोटाले को अंजाम दिया गया है. जानकारी के मुताबिक एकड़ के जमीनों को 500 से 1 हजार वर्ग मीटर में काटा गया. वहीं, 32 प्लॉट को काटकर 142 प्लॉट बनाया गया. 32 प्लॉट का मुआवजा 35 करोड़ बन रहा था, लेकिन छोटे टुकड़े काटने के बाद ये मुआवजा 326 करोड़ हो गया और भुगतान 248 करोड़ रुपए का हो गया. इसमें 78 करोड़ का क्लेम बाकी था, जिसके बाद भंडाफोड़ हुआ. इसमें छोटे उरला, बड़े उरला, नायक बांधा गांव के किसानों की जमीन में गोल माल हुआ है.
