Bahut Charcha Hai: छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले मंत्रियों के परफॉर्मेंस का रिव्यू दिल्ली दरबार में किया जा रहा है. प्रदेश के तीन मंत्रियों को दिल्ली बुलाया गया था. उनके कामकाज की समीक्षा के बाद आला नेताओं ने जमकर फटकार लगाई. चर्चा यह है कि तीनों मंत्रियों को तीन पैमाने पर सही नहीं पाया गया. पहला उनका परफॉर्मेंस ठीक नहीं है. दूसरा उनके विभाग में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. तीसरा यह तीनों मंत्री अलग-अलग समय पर अलग-अलग बयान देकर विवादों में घिरे रहे हैं. तीनों पहली बार के मंत्री हैं, और सरगुजा और बिलासपुर संभाग से आते हैं. भाजपा अंदरखाने चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में इन तीनों की छुट्टी हो सकती है. खास बात यह है कि यह तीनों मंत्री जब दिल्ली दरबार पहुंचे, उससे पहले ही उनकी शिकायतों की मोटी फाइल आला नेताओं के पास थी. उस फाइल से एक-एक करके सवाल पूछे गए और जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर जमकर फटकार लगी.
नेताजी को किसने दी धमकी
भाजपा के एक मुस्लिम नेता की चर्चा इन दिनों बहुत तेज है. नेताजी को एक बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है. चर्चा इसलिए है कि वह बोर्ड के कामकाज को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय एजेंडा के साथ चल रहे हैं, लेकिन विरोधी उनके पुराने कारनामे को याद कर रहे हैं. नेताजी को एक बार पाकिस्तान से धमकी मिली थी. उसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई. अभी बोर्ड के अध्यक्ष बनने के बाद और सुरक्षा बढ़ाई गई. उनके विरोधी आरटीआई लगाकर यह जानना चाह रहे हैं कि नेता जी को पाकिस्तान से जो धमकी मिली थी, वह किसने दी. एक साल से ज्यादा का समय हो गया, उस मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की? विरोधी बताते हैं कि नेता जी को जो धमकी मिली थी, वह फर्जी थी. सिर्फ अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए नेताजी ने खुद ही यह कारनामा किया है. विरोधी इतनी सक्रिय है कि इस मामले की शिकायत दिल्ली दरबार में भी कर आए हैं.
मंत्रियों के बंगले पर नजर
नया रायपुर में मंत्रियों का नया बंगला बनने के बाद मंत्री एक-एक करके वहां शिफ्ट हो रहे हैं. रायपुर में मंत्रियों के लंबे चौड़े बंगले हैं. लाखों रुपए खर्च करके रिनोवेशन कराया गया है. डेढ़ साल बाद ही वह बंगले खाली हो रहे हैं. ऐसे में उन बंगलों पर निगम मंडल के नेताओं और विधायकों की नजर है. राजधानी के एक विधायक ने तो अपने लिए बंगले का चयन भी कर लिया है. एक मंत्री ने पिछले दिनों बंगला खाली किया है. बताया जा रहा है कि एक सप्ताह में उनका पूरा सामान शिफ्ट हो जाएगा. ऐसे में विधायक जी सिविल लाइन के उसे बंगले पर नजर गड़ाए हुए हैं, हालांकि कुछ मंत्री दो-दो बंगला रखे हुए हैं. नया रायपुर के बंगले में शिफ्ट होने के बाद भी रायपुर का बंगला खाली नहीं कर रहे हैं. उन पर दबाव है कि जल्द से जल्द बंगला खाली कर दिया जाए.
DMF वाली नई कलेक्टर
प्रदेश में डीएमएफ(DMF) वाली नई कलेक्टर की चर्चा जोरों पर है. कलेक्टर ऐसे हैं की रायल्टी के नाम पर अलग-अलग रेट में वसूली कर रहे हैं. ठेकेदारों के लिए जो राशि विभाग में तय की है, उससे ढाई गुना ज्यादा रेट पर वसूली की जा रही है. इसके लिए बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है. हालांकि यह आदेश 2019 का है, लेकिन एक कलेक्टर इसका पूरा पालन कर रहे हैं. प्रदेश के बाकी जिलों में विभाग की जो रॉयल्टी तय है, उसी के हिसाब से वसूली की जा रही है. ऐसे में चर्चा है कि क्या यह कलेक्टर डीएमएफ के लिए अपनी राशि तय कर दी है. हालांकि इसकी शिकायत राजधानी तक पहुंच गई है. देखना होगा कि आने वाले समय में क्या कोरबा जैसी स्थिति बस्तर के इस जिले में भी बनती है.
मुखिया से पहले सिस्टम बेचैन
छत्तीसगढ़ में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति होनी है. पूर्णकालिक डीजीपी की भी नियुक्ति होनी है. पुलिस और प्रशासन में मुखिया के नाम पर अस्थिरता के कारण पूरा सिस्टम बेचैन नजर आ रहा है. प्रशासनिक कामकाज लगभग लगभग रुके पड़े हैं क्योंकि हर कोई इस उम्मीद में है कि काम की शुरुआत नए पूर्णकालिक चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी के बाद ही किया जाएगा. हालांकि सरकार दिल्ली दरबार की हरी झंडी का इंतजार कर रही है. जैसे ही हरी झंडी मिलेगी चीफ सेक्रेटरी और पूर्णकालिक डीजीपी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी. चर्चा का बाजार गर्म है और पिछले 25 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है कि चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी के लिए चार-चार, पांच-पांच अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं. कुर्सी की रेस में कौन अफसर विजेता होगा, यह 30 जून से पहले तय हो जाएगा.
