Chhattisgarh: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद प्रदेश की साय सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Chhattisgarh Cabinet Expansion) को लेकर चर्चा तेज है. ऐसा माना जा रहा है कि सोमवार को विष्णु देव साय सरकार में दो नए मंत्री जुड़ सकते हैं. अगर हरियाणा फार्मूला लागू हुआ तो मंत्रियों की संख्या तीन पहुंच सकती है.
2 मंत्री तय, हरियाणा फार्मूला भी हो सकता है लागू
मंत्री पद के लिए जिन दो नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है, वह बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल और दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव है. हरियाणा फार्मूले में रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा की लॉटरी लग सकती है.
अमित शाह के दौरे के बाद चर्चा तेज
भाजपा की उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ दंतेवाड़ा से रायपुर लौटते समय मंत्रिमंडल विस्तार पर मुहर लग गई है, जिस समय अमित शाह लौट रहे थे उसे समय हेलीकॉप्टर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा मौजूद थे. अमर अग्रवाल गजेंद्र यादव और पुरंदर मिश्रा को मंत्री बनने के पीछे अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं.
मंत्री पद के लिए ये नाम आ रहे सामने
मंत्री पद के लिए सबसे पहले अमर अग्रवाल का नाम सामने आ रहा है, ये रमन सरकार में मंत्री रहे हैं. बिलासपुर से पांच बार के विधायक हैं, शांत सौम्य छवि वाले अमर अग्रवाल ने साय सरकार पर पिछले डेढ़ साल में कभी निशान नहीं साधा, जबकि मंत्री पद की दौड़ में रहे अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और धरमलाल कौशिक लगातार विधानसभा में आक्रामक रहे और सरकार और मंत्रियों पर सवाल खड़े करते रहे.
गजेंद्र यादव भी रेस में शामिल
जातिगत फार्मूले की बात की जाए तो गजेंद्र यादव का नाम फाइनल माना जा रहा है. छत्तीसगढ़ के ओबीसी वर्ग में साहू समाज के बाद सबसे ज्यादा यादव वर्ग की वोटर है और इस वर्ग का प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल में अभी नहीं है. रमन सरकार में दुर्ग से विधायक रहे हेमचंद यादव मंत्री थे. गजेंद्र यादव ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा को पटकनी दी है. इसके साथी गजेंद्र यादव के पिता बिसराराम यादव छत्तीसगढ़ के संघ प्रांत प्रमुख भी रह चुके हैं.
पुरंदर मिश्रा के नाम पर भी लग सकती है मुहर
तीसरा नाम पुरंदर मिश्रा का है उड़िया समाज से आते हैं राजधानी रायपुर से कोई भी मंत्री नहीं है बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद रायपुर संभाग से कोई भी मंत्री नहीं है ऐसे में कहा जा रहा कि अगर सरकार हरियाणा फार्मूले पर काम करती है, तो पुरंदर मिश्रा को स्थान मिल सकता है.
