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‘आदिवासियों के घाव पर आज भी नमक छिड़क रही कांग्रेस…’ विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर CM साय के मीडिया सलाहकार ने उठाए सवाल

pankaj

विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर सियासत

CG News: भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए INDI गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश बी.सुदर्शन रेड्डी ने नामांकन भर दिया है. वहीं, बी.सुदर्शन रेड्डी को लेकर अब छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू हो गई है. प्रदेश के CM विष्णु देव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा द्वारा गृह मंत्री अमित शाह का वीडियो शेयर किया गया था. इसके बाद अब CM विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है और पूर्व CM भूपेश बघेल से सवाल किया है.

‘आखिर किस योग्यता के कारण कांग्रेस ने चुना?’

CM साय के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा ने X पर लिखा- ‘आदिवासियों के घाव पर आज भी नमक छिड़क रही कांग्रेस, भूपेश जी आपत्ति दर्ज करायेंगे? कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी बनाया है. आप अपने दिमाग पर काफी दबाव डाल कर भी इस नाम के किसी व्यक्ति को याद नहीं कर पायेंगे, जिसे इतने बड़े पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है. जानते हैं क्यों इन्हें कांग्रेस ने सम्मानित किया है? आखिर किस योग्यता के कारण कांग्रेस ने इन्हें चुना है? जानते हैं? केवल इसलिए क्योंकि इन्होंने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की लड़ाई ‘सलवा जुडूम’ के विरुद्ध निर्णय देकर छत्तीसगढ़ के मासूम आदिवासियों को मौत के मुंह में धकेल दिया था.’

उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को बताया नक्सलियों का समर्थक

उन्होंने आगे लिखा- ‘उस समय माओवादियों के विरुद्ध जी-जान से लड़ रहे आदिवासी युवाओं को इसी व्यक्ति के आदेश के कारण रातों-रात निहत्था कर, हमारे वीर युवाओं को मेमना बना कर भूखे भेड़ियों, नक्सलियों के आगे परोस दिया गया था. सबका रोजगार भी छीन लिया गया था. रेड्डी के एक इस निर्णय से ‘सलवा जुडूम’ जैसे पवित्र आंदोलन को इतनी अधिक क्षति पहुंची, जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता. इस आंदोलन के अग्रदूत महेंद्र कर्मा जी की दुखद मृत्यु हुई. कांग्रेस की एक पूरी पीढ़ी उस हमले में दिवंगत हो गयी. कितने युवाओं को बाद में चुन-चुन कर माओवादी आतंकियों ने मारा, उसका वर्णन आपको रुला देगा. वह तो भला हो तब के मुख्यमंत्री रमन सिंह जी का कि उन्होंने असुरक्षित और बेरोजगार हुए सभी आदिवासी जवानों को एक नया ‘बल’ निर्मित कर उन्होंने समायोजित कर लिया था. वही डीआरजी के बहादुर आज माओवादी आतंकियों के लिए काल बन कर खड़े हैं। सफाया कर दिया है इन्होंने कॉमरेड आतंकियों का.’

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उन्होंने आगे लिखा- ‘CM साय जी की सरकार को बधाई. आश्चर्य है कि अर्बन नक्सलियों के उस मुकदमे के पक्ष में निर्णय देकर आदिवासियों की प्राण ले लेने वाले तब के जज को आज इस तरह सम्मानित कर रही है कांग्रेस. उन्हें उप राष्ट्रपति बनाने पर आमादा है. ऐसा करते हुए कांग्रेस यह भी भूल गयी कि उसके नेताओं को, जो वास्तव में समूचे छत्तीसगढ़ के नेतागण थे, बर्बरता से माओवादियों ने मनोबल बढ़ने पर सामूहिक नरसंहार को अंजाम दे दिया था. अगर सलवा जुडूम को बंद नहीं किया गया होता तो शायद वे सभी नेता आज जीवित होते. फिर शायद ही भूपेश बघेलजी को मुख्यमंत्री बनने का भी अवसर मिलता. अब कांग्रेस महासचिव भूपेशजी को चाहिए कि वे कांग्रेस के इस निर्णय पर आपत्ति दर्ज करायें. ‘कांग्रेस के कुछ गुट का हाथ माओवादियों के साथ’ इस कलंक को सुदर्शन की उम्मीदवारी और अधिक स्याह कर रहा है. माओवादी आतंक को कांग्रेस द्वारा प्रोत्साहित करते रहने का यह कोई अकेला मामला भी नहीं है. इससे पहले यूपीए सरकार के एनएसी में, जो तब के पीएम मनमोहन सिंह जी को दिशा-निर्देश देती थी, उसमें माओवादियों से सहानुभूति रखने वाले अनेक सदस्य शामिल थे. उन सबका चयन तत्कालीन सुप्रीमो सोनिया गांधीजी ने किया था. यहां तक कि सजायाफ्ता विनायक सेन तक की सेवा लेने के उदाहरण मौजूद हैं.’

छत्तीसगढ़ की जनता के घावों पर नमक छिड़कने का कार्य

मीडिया सलाहकार पंकज झा ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा- ‘वास्तव में अपने इस निर्णय से भी हमेशा की भांति कांग्रेस ने, छत्तीसगढ़ की जनता के घावों पर नमक छिड़कने का कार्य ही किया है. कांग्रेस को कम से कम लोकलाज का ध्यान रखते हुए भी सुदर्शन की उम्मीदवारी निरस्त कर देना चाहिए. बड़ी कठिनता से, त्याग तपस्या और बलिदान से छत्तीसगढ़ ने अब माओवादी आतंक से मुक्ति की मार्ग पर निर्णायक बढ़त प्राप्त की है. यह समय ऐसे घाव को कुरेदने का नहीं था – जिन जख़्मों को वक्त भर चला है, तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो! केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के समूल विनाश का संकल्प लिया है, यह संकल्प ऐसे कांग्रेसियों के बावजूद सिद्ध होकर रहेगा, इसमें संदेह की गुंजाइश नहीं है. अगर आपको याद हो, तो कांग्रेस ने इससे पहले दस वर्ष तक एक संदिग्ध व्यक्ति हामिद अंसारी को भारत का उप राष्ट्रपति बनाये रखा था. हामिद की न केवल देश के प्रति निष्ठा संदिग्ध थी, न केवल अनेक संदेहास्पद किस्से सामने आए थे अंसारी के, बल्कि वे देश के सबसे बड़े गुंडों में से एक मुख्तार अंसारी के निकट रिश्तेदार भी थे. भले कांग्रेस उम्मीदवार अभी जीत नहीं सकते, किंतु कांग्रेस ने फिर अपनी मानसिकता का परिचय तो दे ही दिया है. कांग्रेस अब चुनाव जीतने के लिए लड़ती भी नहीं है. वह पराजित होकर लौटती सेना जैसा व्यवहार करते हुए किसी संदिग्ध आका तक बस संदेश पहुंचाने के लिए अधिकतर चुनाव अभियानों को संचालित करती है। उप राष्ट्रपति का चुनाव, उसमें एक आदिवासी विरोधी, जन विरोधी व्यक्ति की उम्मीदवारी भी उसी का एक उदाहरण है. आपको क्या लगता है?’

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