CG News: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को चार लेबर कोड को लागू कर दिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया साइट एक्स के एक पोस्ट के माध्यम से दी. चारों लेबर कोड के लागू होने के बाद सीएम विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक निर्णय देश के उद्योगों, कामगारों और MSME सेक्टर के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है.
‘MSME विस्तार और रोजगार सृजन’
सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके सीएम ने लिखा कि यह स्वतंत्रता के बाद सबसे व्यापक और प्रगतिशील श्रम सुधार हैं, जो श्रमिकों को सशक्त बनाते हैं और Ease of Doing Business को नई गति देते हैं.
श्रमेव जयते!
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) November 21, 2025
माननीय प्रधानमंत्री जी आपके द्वारा चारों लेबर कोड लागू किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय देश के उद्योगों, कामगारों और MSME सेक्टर के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। यह स्वतंत्रता के बाद सबसे व्यापक और प्रगतिशील श्रम सुधार हैं, जो श्रमिकों को सशक्त बनाते हैं और Ease of Doing… https://t.co/80NClHGnXC
उन्होंने आगे लिखा कि इन सुधारों से छत्तीसगढ़ को भी सीधा लाभ मिलेगा. राज्य की ‘औद्योगिक विकास नीति 2024–30’ में तय किए गए लक्ष्य के अंतर्गत औद्योगिक विकास, नए निवेश, MSME विस्तार और रोजगार सृजन इन कोड्स के लागू होने से और अधिक मजबूत होंगे. सरल अनुपालन और पारदर्शी प्रक्रियाएं छत्तीसगढ़ को देश के सबसे आकर्षक निवेश गंतव्यों में स्थापित करेंगी.
‘श्रमिक वर्ग के लिए बड़ी राहत’
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पोस्ट में आगे लिखा कि लेबर कोड लागू होने से श्रमिक वर्ग को भी बड़ी राहत मिलेगी. न्यूनतम वेतन की प्रभावी गारंटी, सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षित कार्यस्थल, समय पर वेतन भुगतान और सेवा-शर्तों की स्पष्टता, ये सभी लाभ उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगे और उद्योग–श्रमिक संबंधों को स्थिर बनाएंगे. हम आपका हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं, आपके नेतृत्व में यह ऐतिहासिक सुधार छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण को नई ऊंचाई देंगे.
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29 कानूनों के स्थान पर 4 लेबर कोड
भारत सरकार ने चार श्रम संहिताओं वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यवसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता 2020 को 21 नवंबर, 2025 से लागू करने की घोषणा की है. इसे 29 मौजूदा श्रम कानूनों के स्थान पर लागू किया जा रहा है. श्रम नियमावली को मॉडर्न बनाकर, मजदूरों की भलाई को बढ़ाकर और श्रम इकोसिस्टम को काम की बदलती दुनिया के साथ जोड़कर, यह ऐतिहासिक कदम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल और मजबूत, उद्योग-अनुकूल बनाने की नींव रखता है, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए श्रम सुधारों को आगे बढ़ाएंगे.
