CG News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट के जरिए बड़े साइबर ठगी का मामला सामने आया है. इस बार ठगों ने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में पदस्थ एक प्रोफेसर को अपना शिकार बनाया है. आरोपी साइबर ठगों ने खुद को कर्नाटका पुलिस और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अधिकारी बताकर प्रोफेसर को मानसिक रूप से इतना डरा दिया कि एक महीने तक उसे “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया और इस दौरान उससे कुल 88 लाख रुपये की ठगी कर ली गई.
पूरा मामला रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र का है. पीड़ित प्रोफेसर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कुछ सप्ताह पहले उनके पास एक कॉल आया, जिसमें फोन करने वाले ने खुद को ईडी का अफसर बताते हुए मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य गंभीर अपराधों में प्रोफेसर का नाम जुड़ा होने की बात कही. कॉलर ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर के खिलाफ सबूत मौजूद हैं और उन्हें पूछताछ के लिए “डिजिटल अरेस्ट” में रखा जाएगा.डर के मारे प्रोफेसर ने किसी को जानकारी नहीं दी और ठग के निर्देशों का पालन करते रहे. इस बीच आरोपी ने प्रोफेसर से उनके व्यक्तिगत और बैंकिंग विवरण हासिल किए और अलग-अलग बैंक खातों में 88 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.
इस घटना की भनक पुलिस को उस समय लगी जब प्रोफेसर के खाते से हो रहे संदिग्ध ट्रांजेक्शन की जानकारी साइबर सेल को मिली. पुलिस टीम प्रोफेसर के घर पहुंची और उनसे पूछताछ की, लेकिन तब तक मात्र 13 लाख रुपये की ठगी हो चुकी थी. जब पुलिस ने ठगी की आशंका जताई, तब प्रोफेसर ने इसे गलतफहमी बताकर किसी तरह की ठगी से इनकार कर दिया. पुलिस वापस लौट गई, लेकिन प्रोफेसर को लगातार धमकाकर और डराकर बाकी पैसे भी ठगों ने ऐंठ लिए.जब प्रोफेसर को खुद के साथ हुई ठगी का अहसास हुआ, तब उन्होंने पुरानी बस्ती थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से जांच शुरू कर दी है.
