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ह्यूमन ट्रैफिकिंग और कंवर्जन का आरोप, सड़क से लेकर संसद तक बवाल… क्यों मिली दो ननों को जमानत? पढ़ें इनसाइड स्टोरी

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जेल से रिहा हुईं दोनों नन

Durg Nun Arrest Case: छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कुछ दिनों पहले केरल से आईं दो मलयाली ननों को गिरफ्तार किया गया था. ये कार्रवाई नारायणपुर जिले की 3 आदिवासी युवतियों के ह्यूमन ट्रैफिकिंग और कंवर्जन के आरोप में की गई थी. 9 दिनों तक जेल में रहने के बाद आखिरकार 2 अगस्त को NIA कोर्ट ने दोनों ननों की सशर्त बेल को मंजूरी दे दी है. दोनों ननों को बेल के बाद लेने के लिए केरल BJP प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर, केरल की नंस और केरल कांग्रेस के एक सांसद और एक MLA पहुंचे हैं. दोनों ननों की गिरफ्तारी को लेकर सड़क से लेकर संसद तक बवाल मच गया था. मामला इतना बढ़ा कि कई बार केरल से डेलीगेट्स छत्तीसगढ़ पहुंचे थे. दोनों ननों को बेल मिलने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उन्हें बेल क्यों मिली, जबकि उन पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और कंवर्जन का आरोप है. पढ़ें पूरी इनसाइड स्टोरी-

NIA कोर्ट ने दोनों ननों को दी सशर्त बेल

बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट ने 2 अगस्त 2025 को दोनों ननों को सशर्त जमानत दे दी है. जमानत मिलने के बाद दोनों मलयाली नन जेल से रिहा भी हो गई हैं. उन्हें लेने के लिए केरल BJP प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर,दो नन, केरल कांग्रेस के सांसद और INC MLA दुर्ग जेल पहुंचे. वहीं, रिहाई मिलने के बाद केरल कांग्रेस के डेलीगेसट्स ने मिठाई बांटी.

ननों को क्यों मिली जमानत?

ननों के वकील कुमार गोपा ने बताया कि मानव तस्करी को लेकर BNS की धारा 143 के तहत केस दर्ज किया गया था. इन आरोपों पर यह धारा नहीं लग सकती है, जिसको लेकर बेल एप्लीकेशन लगाई थी. इस आधार पर कोर्ट ने बेल ग्रांट कर दी है. दोनों ननों के खिलाफ BNS 143 और रिलिजियस फ्रीडम एक्ट का सेक्शन 3 लगाया गया था. कोर्ट ने दोनों को सशर्त जमानत दी है. दोनों को भारत नहीं छोड़ना है. 50 हजार-50 हजार रुपए का बेल बॉन्ड दिया है.

आखिर क्या है ननों की गिरफ्तारी मामला?

25 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कंवर्जन (धर्मांतरण) की आशंका जताते हुए जमकर प्रदर्शन किया था. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि दो नन सिस्टर और एक युवक नारायणपुर की तीन आदिवासी युवतियों को बहला-फुसलाकर उत्तर प्रदेश के आगरा ले जा रहे थे, जहां उनके कंवर्जन की योजना थी. इस हंगामे की जानकारी मिलते ही GRP मौके पर पहुंची. इस दौरान पुलिस ने मौके से दो नन और युवक को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

सड़क से लेकर संसद तक बवाल

केरल से आईं दोनों मलयाली ननों की गिरफ्तारी को लेकर सड़क से लेकर संसद तक बवाल मच गया. 27 जुलाई को इस मामले में केरल के CM पिनाराई विजयन ने दोनों नन की रिहाई के संबंध में PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. इसके अलावा AICC महासचिव ने केसी वेणुगोपाल ने छत्तीसगढ़ के CM विष्णु देव साय को भी पत्र लिखा है. इसके बाद 28 जुलाई को लोकसभा के बाहर इसे लेकर UDF के सांसदों ने विरोध किया. इतना ही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसके BJP-RSS का गुंडाराज बताया.

लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव

29 जुलाई 2025 को केरल की ईरनाकुलम लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने लोकसभा स्थगन प्रस्ताव लगाया.

छत्तीसगढ़ पहुंचा केरल सांसदों-MLA का डेलीगेशन

इस मामले में दोनों नन से मिलने के लिए INDI गठबंधन और केरल BJP का डेलीगेट भी दुर्ग जेल पहुंचा. 29 जुलाई को INDI गठबंधन के 5 सदस्यों के डेलीगेट ने दोनों ननों से मुलाकात की. इसके अलावा केरल BJP के महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ ने CM विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की थी. साथ ही ननों से भी केरल BJP के डेलीगेट ने मुलाकात की.

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संसद में प्रदर्शन

30 जुलाई 2025 को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, कांग्रेस सांसद हिबी ईडन, AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल और अन्य कांग्रेस सांसदों ने दो ननों की गिरफ्तारी को लेकर BJP सरकार के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

बदले-बदले छत्तीसगढ़ और केरल BJP के सुर

इस मामले में छत्तीसगढ़ और केरल BJP के सुर बदले-बदले नजर आए. छत्तीसगढ़ के CM विष्णु देव साय ने इस मामले पर कहा था कि आदिवासी युवतियों को प्रलोभन देकर मानव तस्करी के जरिए मतांतरण किए जाने की कोशिश की जा रही थी. इस मामले में अभी जांच जारी है. प्रकरण न्यायालीन है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा. छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है जहां सभी धर्म-समुदाय के लोग सद्भाव से रहते हैं.

वहीं, केरल BJP प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि दोनों नन किसी भी मानव तस्करी या जबरन धर्मांतरण के प्रयास में लिप्त नहीं थीं. केरल BJP के प्रदेश महासचिव अनूप एंटनी पहले से ही छत्तीसगढ़ में हैं ताकि वहां के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर मामले को स्पष्ट किया जा सके तथा जरूरत पड़ने पर वह खुद भी वहां जाएंगे. छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जबरन धर्मांतरण एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन इस विशेष घटना में ऐसा कुछ नहीं हुआ है.

सेशन कोर्ट ने NIA कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही

दोनों ननों की जमानत को लेकर दुर्ग सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई, जहां से उन्हें बिलासपुर जिला स्थित NIA कोर्ट जाने की बात कही गई. दुर्ग कोर्ट के वकील रविशंकर सिंह ने बताया कि सेशन कोर्ट में नन पक्ष के वकीलों ने जमानत याचिका लगाई थी, क्योंकि उसे कोर्ट के जज छुट्टी में थे. इस केस पर सुनवाई करते हुए एडीजे अनीश दुबे ने कहा- ‘मुझे यह बेल सुनने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह NIA एक्ट में आता है और जो कोर्ट है वह बिलासपुर में है’. इस पर आरोपी पक्ष के वकील ने कहा- ‘सर मैं यह कैसे मानूं मेरा आदमी तो यहां पर अंदर है. इसके बाद जज साहब ने कहा ठीक है. मैं यह सब लिखकर जमानत याचिका निराकृत कर देता हूं. आप जाइए वहां पर 439 बेल एप्लीकेशन लगाइए.’

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फिर छत्तीसगढ़ पहुंचे केरल सांसद

1 अगस्त 2025 को केरल से एक बार फिर कांग्रेस के चार सदस्यों का डेलीगेशन छत्तीसगढ़ पहुंचा. सांसद हिबी ईडन, डीन कुरियाकोस, कोडिकुन्निल सुरेश, एंटो एंटनी ने दोनों ननों से दुर्ग जेल में मुलाकात की.

रायपुर में प्रदर्शन

1 अगस्त को रायपुर में छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने राजीव चौक पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान रैली निकाली और पुतला भी फूंका. इस विरोध प्रदर्शन में केरल से पहुंचा डेलीगेशन भी शामिल हुआ.

NIA कोर्ट में सुनवाई पूरी

1 अगस्त 2025 को बिलासपुर जिला स्थित NIA कोर्ट में दुर्ग की दोनों ननों की बेल एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई. पीड़ित पक्ष ने बेल के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन फाइल की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद 2 अगस्त को दोनों ननों को सशर्त बेल मिल गई है.

मेघायल CM ने मुख्यमंत्री साय को लिखा पत्र

ननों की गिरफ्तारी के मामले में मेघालय के CM कॉनराड के. संगमा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखा है. उन्होंने ननों के खिलाफ FIR को रद्द करने पर विचार करने और इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की मांग की है.

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