CG Liquor Scam: 22 जुलाई को छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में फंसे पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की रिमांड खत्म होने वाली है. इससे पहले ED ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर प्रेस रिलीज जारी की है. इसमें खुलासा किया गया है कि यह गिरफ्तारी शराब घोटाला मामले में मनी लॉंड्रिंग के लिए की गई है. चैतन्य के खिलाफ 1000 करोड़ की राशि का प्रबंधन और 16.70 करोड़ रुपए की राशि रियल एस्टेट फर्मों में इस्तेमाल करने के आरोप हैं.
ED ने जारी की प्रेस रिलीज
ED ने 21 जुलाई को चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर प्रेस रिलीज जारी की है. इसमें बताया गया है कि 3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में मनी लॉंड्रिंग के मामले में चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी की गई है. ED ने चैतन्य पर इस घोटाले के लिए 16.70 करोड़ की राशि प्राप्त होने और इस राशि को अपनी रियल एस्टेट फर्मों में इस्तेमाल करने की बात कही है.
त्रिलोक सिंह ढिल्लन के साथ मिली भगत का आरोप
ED ने प्रेस रिलीज जारी कर चैतन्य बघेल पर त्रिलोक सिंह ढिल्लन के साथ शराब घोटाले में मिलीभगत करने का आरोप लगाया है. त्रिलोक सिंह ढिल्लन ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया. इस दौरान विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट में फ्लैट की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपए प्राप्त हुए.
1000 करोड़ का प्रबंधन
इसके अलावा चैतन्य बघेल पर शराब घोटाले की 1000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि को संभालने का भी आरोप लगाया गया है. इस प्रेस रिलीज में चैतन्य के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष के साथ अनवर ढेबर और अन्य के साथ समन्वय का भी आरोप है.
चैतन्य बघेल गिरफ्तार
3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में ED की टीम ने पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे को गिरफ्तार किया है. 18 जुलाई की सुबह-सुबह भूपेश बघेल के घर पर ED की टीम पहुंची. गिरफ्तारी के बाद चैतन्य को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने चैतन्य बघेल को 22 जुलाई तक 5 दिनों के लिए ED की रिमांड पर भेज दिया है.
कैसे फंस गए चैतन्य?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पहले ही प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री और वर्तमान में कोंटा के विधायक कवासी लखमा गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं, रायपुर के पूर्व मेयर ऐजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टूटेजा और आबकारी विभाग के पूर्व MD एपी त्रिपाठी के खिलाफ भी एक्शन लिया चुका है. माना जा रहा है कि शराब घोटाले में जुड़े रकम को चैतन्य बघेल और उनके करीबियों की संपत्ति में इंवेस्ट किया गया है.
छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी यानी साल 2018 से 2023 के बीच प्रदेश में करीब 3200 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ है. इसे लेकर EOW ने चार्जशीट में जानकारी दी है कि इस घोटाले के पैसे से 11 आरोपी अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम करोडों की जमीन और दौलत भी खरीदी है. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक EOW के मुताबिक इन्होंने पूरे शराब घोटाले में करीब 61 लाख अवैध पेटी शराब बिकवाकर 2174 करोड़ रुपए की चपत लगाई थी. लेकिन अब जब इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई तो पता चला कि यह घोटाला 2174 नहीं बल्कि 3200 करोड़ से अधिक का है.
