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हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित का निधन, CM साय ने जताया दुख, बोले- उन्होंने छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया

Actress Sulakshana Pandit passes away.

अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित का निधन.

Sulakshana Pandit passes away: हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित का शुक्रवार दोपहर निधन हो गया. उनके निधन के साथ ही फिल्मी जगत में शोक की लहर है. सुलक्षणा पंडित का जन्म छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में हुआ था. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय समेत राज्य के कई बड़े लोगों ने दुख जताया है. सीएम साय ने बताया कि सुलक्षणा ने छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया.

‘छत्तीसगढ़ सुलक्षणा की अमर संगीत यात्रा को नमन करता है’

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुलक्षणा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करके लिखा, ‘भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री, मधुर स्वर साधिका छत्तीसगढ़ की बेटी सुलक्षणा पंडित जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है. संगीत और अभिनय की उनकी यात्रा की जड़ें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की उस सांस्कृतिक मिट्टी से जुड़ी थीं, जहां संगीत एक परंपरा नहीं एक जीवनधारा है. रायगढ़ की पुरानी बस्ती के रामगुड़ी पारा स्थित अशर्फी देवी महिला चिकित्सालय में जन्मी सुलक्षणा जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रायगढ़ के पैलेस रोड स्थित शासकीय बालिका विद्यालय में प्राप्त की थी. उनके पिता श्री प्रताप नारायण पंडित जी राजा चक्रधर सिंह के दरबार के प्रसिद्ध तबला वादक थे. उनके परिवार के लिए संगीत केवल एक कला नहीं, बल्कि जीवन का संस्कार था और सुलक्षणा जी ने उसी संस्कार को सुरों में ढालकर पूरी दुनिया तक पहुंचाया और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया.उनकी आवाज में सादगी थी, भाव था, और इस मिट्टी की सुगंध थी. छत्तीसगढ़ उनकी इस अमर संगीत यात्रा को नमन करता है. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दें. ओम शांति!’

‘यह छ्त्तीसगढ़ की अपूरणीय क्षति है’

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने इसे छ्त्तीसगढ़ की अपूरणीय क्षति बताया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में जन्म लेकर और विद्यालयीन पढ़ाई कर देश-विदेश में अपनी अदाकारी से सुलक्षणा पण्डित ने भारत और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया. अदाकारी के साथ-साथ संगीत और गायन के क्षेत्र में भी उनका अहम योगदान रहा. उनकी प्रतिभा छत्तीसगढ़स की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा की परिचायक रही. उनका पूरा परिवार भारतीय सिनेमा को समृद्ध करने में जुटा रहा है.’

‘भारतीय सिनेमा में सादगी और गरिमामयी पहचान स्थापित की’

वहीं छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘भारतीय सिनेमा जगत की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री, प्रदेश की गौरवपुत्री सुलक्षणा पंडित जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है. भारतीय सिनेमा में अपनी सादगी और गरिमामयी पहचान स्थापित करने वाली सुलक्षणा जी का जन्म छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक नगरी रायगढ़ में हुआ था. बाल्यकाल से ही संगीत उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बना रहा. रायगढ़ की सांस्कृतिक मिट्टी में पली-बढ़ी सुलक्षणा जी ने अपनी मधुर और भावपूर्ण आवाज से भारतीय संगीत जगत को अनेक अविस्मरणीय गीत गाए जो संगीत प्रेमियों के हृदयों में सदैव जीवित रहेगा. इस अपूरणीय क्षति की घड़ी में मेरी गहरी संवेदनाएं उनके परिवारजनों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें. ओम शांति.’

रायगढ़ में हुआ था जन्म

सुलक्षणा का जन्म 12 जुलाई 1954 को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में उनका जन्म हुआ था. उनके पिता पंडित प्रताप नारायण को एक कलाकार के रूप में रियासत का आर्थिक संबल मिला हुआ था. उनकी माता. कमला पंडित का सम्बन्ध राजस्थान से था. पंडित प्रताप नारायण तबला बजाने में सिद्धहस्त थे, लेकिन गायक भी उतने ही सुरीले और दक्ष वो शास्त्रीय नृत्य कत्थक के भी बहुत अच्छे विद्वान थे.

9 साल की उम्र में गाना शुरू किया

लेखक कमल शर्मा ने बताया कि 9 साल की उम्र से सुलक्षणा ने गाना शुरू किया था. छोटी उम्र में ही उनके नन्हें कन्धों ने परिवार के आर्थिक बोझ को संभाल लिया था. संघर्ष जीवन का हिस्सा बन गया था. उन्होंने मंचों पर गाना शुरू किया. पार्श्व गायिका के रूप में पहली फिल्म मिली 13 साल की उम्र में गाया. उन्होंने भारत रत्न लता जी के गीत के साथ गाया था. गुड़िया खेलने की उम्र में नन्ही सुलक्षणा, पप्पा के साथ अपनी और परिवार तकदीर बदलने का संघर्ष कर रही थी. उन्होंने नामचीन गायक मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के साथ फिल्म संगीत पर आधारित कई मंचीय कार्यक्रमों में भाग लिया.

21 साल की उम्र में 1975 में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का फिल्म फेयर अवॉर्ड जीता. गीत के बोल थे तू ही सागर है तू ही किनारा. इसी साल यानी 1975 में उन्होंने नायिका के रूप में संजीव कुमार के साथ फिल्म उलझन में अभिनय किया और दर्शकों के दिलों पर अपनी बेमिसाल प्रतिभा के दिखाई. इसके बाद उन्होंने इंडस्ट्री के लगभग हरेक नामचीन एक्टर के साथ काम किया. उन्होंने जीतेंद्र के साथ संकोच और खंजर, संजीव कुमार के साथ बजरंग बली, राजेश खन्ना के साथ भोला भाला और बंधन कच्चे धागों का, विनोद खन्ना के साथ फिल्म हेरा फेरी और आरोप, शशि कपूर के साथ चंबल की कसम और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ अमीरी गरीबी में अभिनय किया था.

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