CG News: हर किसी का सपना होता है कि उसके पास दो पहिया या चार पहिया वाहन हो और व्यक्ति उसे लेने के लिए सभी तरह के प्रयास भी करता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने सभी को हैरान कर दिया है. दरअसल, जशपुरनगर में एक किसान अपने दो पहिया वाहन का सपना पूरा करने के लिए बीते कई सालों से पैसे जोड़ रहा था. लेकिन किसान ने सभी को हैरान तब कर दिया जब सोमवार 20 अक्टूबर दिवाली के दिन वह अपनी बेटी के साथ एक बोरी भरकर सिक्के लेकर शोरूम पहुंच गया. किसान ने एक स्कूटी पसंद की और सिक्कों से भरा बोरा शोरूम के मैनेजर को थमा दिया.
किसान ने ली अपने सपनों की चाबी
किसान द्वारा दी गई इस बोरी में इतने सिक्के देखकर पहले तो शोरूम मैनेजर आनंद गुप्ता हैरान हो गए. लेकिन बाद में उन्होंने अपने सहकर्मियों से सिक्कों की गिनती करने को कह दिया. सहकर्मियों के द्वारा सिक्कों की गिनती करने के बाद मैनेजर ने स्कूटी खरीदी के लिए जरूरी कार्रवाई पूरी की और फिर किसान को उसकी चाबी सौंप दी. अपने सपने की चाबी हाथ में लेकर किसान भावुक हो गया और उसकी आंखों में आंसू आ गए.
कुछ ऐसी रही किसान के स्कूटी खरीदने की कहानी
जशपुरनगर शहर के शांति भवन चर्च के पास बने होंडा शोरूम के मैनेजर आनंद गुप्ता के अनुसार, जिले के मनोरा ब्लॉक के केसारा गांव में रहने वाले 50 वर्षीय किसान बजरंग भगत अपनी 22 वर्षीय बेटी चंपा भगत के साथ एक्टिवा स्कूटी खरीदने शोरूम आए थे. उन्होंने बताया कि बजरंग अपने हाथों में एक प्लास्टिक की बोरी लेकर आए थे. किसान ने मैनेजर को बताया था कि उनकी बेटी ने स्कूटी लेने की इच्छा जताई थी. बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए बजरंग दिवाली के दिन बेटी के साथ शोरूम आए. शोरूम में त्योहार के चलते बहुत भीड़ थी, लेकिन भीड़ के बीच ही कर्मचारियों ने बजरंग और चंपा को स्कूटी दिखाई और चंपा ने एक स्कूटी पसंद कर ली.
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सिक्कों में की स्कूटी की पेमेंट
मैनेजर ने बताया कि जब स्कूटी के पैसे देने की बारी आई, तो उन्होंने कर्मचारियों को हाथ में पकड़ा बोरा सौंप दिया. शोरूम स्टाफ ने जब बोरा खोला तो उसमें दस-दस रुपये के सिक्कों से भरा खजाना निकला.
बजरंग भगत ने मैनेजर को बताया कि उनकी आमदनी सीमित है, इसलिए उन्होंने धीरे-धीरे दस रुपये के सिक्के जमा करके 40 हजार रुपये की रकम तैयार की है. स्कूटी की बाकी राशि उन्होंने नकद दी. शोरूम मैनेजर आनंद गुप्ता ने बताया कि सिक्कों को लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई, बस गिनती कराने के बाद कागजी प्रक्रिया पूरी की गई और वाहन की चाबी किसान व उनकी बेटी को सौंप दी गई.
इतना ही नहीं, कंपनी की योजना के तहत बजरंग भगत को एक स्क्रैच कार्ड भी मिला, जिसे स्क्रैच करने पर उन्होंने मिक्सर ग्राइंडर जीत लिया. स्कूटी के साथ मिक्सी मिलने से किसान की खुशी दोगुनी हो गई और यह दिवाली उनके लिए यादगार बन गई.
