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CG News: छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागों में लगेंगे प्रीपेड मीटर, बिना रिचार्ज नहीं मिलेगी बिजली

smart meter

स्मार्ट मीटर

Prepaid Electricity Meter: छत्तीसगढ़ में नए साल से सरकारी विभागों में बिजली व्यवस्था बदलने वाली है. प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों में जनवरी महीने से प्रीपेड स्मार्ट मीटर की व्यवस्था लागू की जाएगी. जिसके बाद बिजली इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल रिचार्ज की ही तरह बिजली का भी रिचार्ज करना होगा और जब रिचार्ज राशि खत्म होने वाली होगी, उससे पहले ही आपको अलर्ट मैसेज आ जाएगा.  

5000 करोड़ का बिजली बिल बकाया

प्रदेशभर में 55.63 लाख से ज्यादा सरकारी दफ्तरों के नाम पर बिजली कनेक्शन हैं. इनका करीब 5000 करोड़ रुपये बिल बकाया है. वहीं समय पर बिल जमा नहीं करने के कारण इस पर हर महीने करोड़ों का सरचार्ज जुड़ रहा है. यही वजह है कि बिजली विभाग ने पहले चरण में सरकारी दफ्तरों से प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत की है. दफ्तरों के बाद प्रदेशभर के घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शनों में भी प्रीपेड मीटर व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी.

क्यों लिया गया फैसला?

दरअसल, बिजली बिल बकाया होने के कारण बिजली कंपनियों पर बोझ बढ़ता है. बिल जमा ना होने पर घरेलू या व्यावसायिक बकाएदारों पर तो वसूली या कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाती है, लेकिन सरकारी अस्पताल, नगरीय निकायों और पंचायतों में पेयजल सप्लाई, स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं सीधे लोगों से जुड़ी होती है, इसलिए कनेक्शन नहीं काटे जाते और विभाग को केवल नोटिस दिए जाते हैं. हालांकि, इस दौरान सरकारी विभागों पर सरचार्ज का बोझ भी बढ़ता जाता है.

बिजली के लिए करना होगा बजट प्लान

बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि सरकारी दफ्तरों पर बड़ी राशि बकाया है. विभाग की जनहित की कई योजनाएं या व्यवस्था होने के कारण इनपर कार्रवाई नहीं की जा सकती. इसलिए विभागों को बार-बार नोटिस जारी किया जाता है. यह राशि पटाने के लिए वित्तीय मंजूरी के लिए फाइलें चलती हैं, जिससे बेवजह की देरी होती है. प्रीपेड सुविधा होने से ये दिक्कतें नहीं होंगी और अब हर एक विभाग पहले से ही बजट प्लानिंग करेगा.

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प्रदेशभर में 55 लाख से अधिक कनेक्‍शन

आरडीएसएस योजना के अधीक्षण यंत्री व स्मार्ट मीटरिंग व्यवस्था के नोडल अधिकारी एम. जामुलकर के मुताबिक, प्रदेश में कल 55 लाख 63 हजार 405 कनेक्शन हैं. इनमें प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. वहीं 50 फीसदी से ज्यादा दफ्तरों में लगभग 30 लाख प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं. इस महीने तक बाकी दफ्तरों में भी स्मार्ट मीटर लगा लिए जाएंगे. जनवरी महीने से इन सभी को प्रीपेड कनेक्शन के रूप में लागू किया जाएगा.

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