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‘उन्होंने ही शराब नीति बनाई…अब BJP षड्यंत्र और प्रपंच कर रही…’, दीपक बैज ने रमन सिंह के बयान पर किया पलटवार

CG News

विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह और PCC चीफ दीपक बैज

CG News: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में EOW ने विशेष अदालत में 6वां चालान पेश किया. इस चालान में कांग्रेस सरकार के समय कैबिनेट स्तर पर लिए गए फैसलों का उल्लेख किया गया है. वहीं इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर निशाना किया है. जिस पर PCC चीफ दीपक बैज ने पलटवार किया है.

शराब घोटाले को लेकर रमन सिंह ने कांग्रेस पर साधा निशाना

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि शुरुआत से लेकर अंत तक हिंदुस्तान का कोई उदाहरण ही नहीं है कि सरकार राज चलाती है या सरकार डाका डालती है. सरकार के खजाने में डाका डालने का काम इससे बड़ा अपराध हिंदुस्तान में राजनीति में कभी नहीं हुआ. पैसा आ रहा है. और पैसा दो हिस्सों में बंट रहा है. प्रमाणिकता के साथ इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है. राजनीति क्षेत्र में खुली किताब की तरह करप्शन करना भी बड़ी हिम्मत की बात है…भाई ऐसी हिम्मत वालों को भी मैं सोचता हूं कि बड़े अदभुत लोग हैं.

कांग्रेस ने तो 2 पैरेलल काउंटर खोलकर शराब बेची – श्याम बिहारी जसवाल

वहीं शराब घोटाले मामले में EOW की चार्ज शीट पर तंज कसते हुए मंत्री श्याम बिहारी जसवाल ने कहा कि अपने ही खज़ाने की डकैती कांग्रेस ने की. देश के इतिहास में पहले बार ऐसा हुआ किसी सरकार ने ऐसा किया. कांग्रेस ने तो 2 पैरेलल काउंटर खोल कर शराब बेची. नियमों का बदलाव किया भ्रष्टाचार के लिए इसकी जांच होनी चाहिए.

रमन सिंह ने ही शराब नीति बनाई – दीपक बैज

इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह के बयान पर पलटवार किया है. कहा कि एजेंसियों के लिए कोई नया नहीं है. डॉ रमन ने ही शराब नीति बनाई थी. होटल ढाबा में सभी जगहों पर शराब बिकवाई जा रही है और बीजेपी षड्यंत्र और प्रपंच कर रही है.

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शराब घोटाले मामले में EOW ने पेश किया था चालान

बता दें कि छत्तीसगढ़ के चर्चित 3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में EOW के अफसरों ने 26 अगस्त को रायपुर के विशेष कोर्ट में 6वां चालान पेश किया था. इस चालान के अनुसार ओम साई बेवरेज से जुड़े विजय कुमार भाटिया को 14 करोड़ मिले हैं. विजय भाटिया ने अलग-अलग अकाउंट और डमी डायरेक्टरों के जरिए रुपए निकाले. EOW की जांच के मुताबिक नेक्सजेन पावर इंजिटेक से जुड़े संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को 11 करोड़ मिले। FL-10 A/B लाइसेंस व्यवस्था लागू कर सिंडिकेट ने घोटाला किया था. इस अभियोग पत्र में EOW ने कांग्रेस सरकार में घोटाला होने और घोटाले के पैटर्न का खुलासा किया है.

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