CG News: छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं के हितों को सर्वोपरि मानते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर 149.25 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है, जो राज्य गठन के बाद अब तक की सर्वाधिक मात्रा है. उपार्जित धान का त्वरित निराकरण कस्टम मिलिंग के माध्यम से किया जा रहा है. धान खरीदी की समाप्ति तक प्रदेश को केन्द्रीय पूल अंतर्गत 70 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन का लक्ष्य प्राप्त हुआ था. राज्य की कल्याणकारी योजनाओं एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए आवश्यक राज्य पूल के लक्ष्य के साथ मिलाकर कुल 118.17 लाख मीट्रिक टन धान की मात्रा कस्टम मिलिंग से निराकरण के लिए निर्धारित की गई है. किसानों के हित में निर्णय लेते हुए राज्य सरकार ने अतिरिक्त धान का नीलामी के माध्यम से निराकरण करने का निर्णय लिया है. नीलामी के माध्यम से अब तक 19 लाख मीट्रिक टन धान हेतु बायर ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं और संबंधित क्रेताओं एवं मिलरों द्वारा उसका त्वरित उठाव भी किया जा रहा है. प्रदेश के संग्रहण केंद्रों में शेष भंडारित धान की सुरक्षा हेतु खाद्य विभाग द्वारा सभी आवश्यक सावधानियां सुनिश्चित की गई हैं.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से की थी अपील
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा प्रदेश के कृषकों से एक-एक दाना धान खरीदने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार से लगातार संवाद एवं आग्रह किया गया. इसी क्रम में उन्होंने दिनांक 24 जून 2025 को नई दिल्ली में केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी से भेंट कर केन्द्रीय पूल अंतर्गत चावल उपार्जन लक्ष्य को बढ़ाने का आग्रह किया था.
मुख्यमंत्री साय के सतत प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सामने आया है. भारत सरकार ने 18 जुलाई 2025 को चावल उपार्जन लक्ष्य को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन कर दिया है. यह निर्णय न केवल किसानों के हित में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि इससे राज्य सरकार को लगभग 1200 करोड़ रुपये की संभावित वित्तीय हानि से भी बचाया जा सका है. चावल उपार्जन लक्ष्य में मिली इस वृद्धि से राज्य की राजकोषीय स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. साथ ही, राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी गति आएगी.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार का आभार जताया
मुख्यमंत्री साय ने इस निर्णय के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सहयोग, केंद्र और राज्य की समन्वित किसान-हितैषी नीति का परिचायक है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मिलर एसोसिएशन एवं किसानों द्वारा समय-समय पर उठाई गई मांगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि सभी सुझावों और आवश्यकताओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्रवाई की जाएगी.
CM साय ने सोशल मीडिया पर की पोस्ट
मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘प्रदेश के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि हमारे अन्नदाताओं के हितों को सर्वोपरि रखने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन के लक्ष्य को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन करने की स्वीकृति प्रदान की है. हमारी सरकार के प्रयासों से केंद्र सरकार ने 08 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त चावल उपार्जन करने की स्वीकृति दी है.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह निर्णय छत्तीसगढ़ के किसानों की आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत करेगा. साथ ही प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा.
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