Raipur News: जब भी आपको एक शहर से दूसरे शहर या फिर किसी दूसरे देश तक जल्दी पहुंचना हो, तो हवाई जहाज़ सबसे भरोसेमंद और तेज़ साधन माना जाता है. हर यात्री यही उम्मीद करता है कि उसकी फ्लाइट समय पर टेकऑफ करे और बिना किसी परेशानी के उसे मंज़िल तक पहुंचा दे. लेकिन ज़रा सोचिए, अगर एयरपोर्ट पर ही अचानक कोई तकनीकी गड़बड़ी आ जाए, तो यात्रियों की हालत क्या होगी. राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर बीती रात कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला. आसमान से गिरी बिजली ने एयरपोर्ट का नेविगेशन सिस्टम ठप कर दिया और पूरा एयरपोर्ट घंटों तक ठप पड़ गया.
6 फ्लाइट्स को डाइवर्ट करना पड़ा
इस घटना के बाद न तो कोई फ्लाइट रायपुर से टेकऑफ़ कर पाई और न ही बाहर से आने वाली कोई फ्लाइट यहां लैंड कर पाई. अचानक हुए इस समस्या से यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कुल 6 फ्लाइट्स को डाइवर्ट करना पड़ा. दिल्ली से रायपुर आने वाली फ्लाइट को भोपाल में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी, जबकि गोवा से रायपुर की ओर रवाना हुई फ्लाइट को भुवनेश्वर भेजना पड़ा. भोपाल में लैंड हुई फ्लाइट में दुर्ग सांसद विजय बघेल, सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज और आईएएस अधिकारी सोनमणि वोरा समेत कई यात्री फंसे रहे.
ATC क्या होता है?
अब यह समझना ज़रूरी है कि आखिरकार यह एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी ATC होता क्या है और एयरपोर्ट में इसकी भूमिका कितनी अहम होती है. दरअसल, ATC हवाई जहाज़ों की सुरक्षित उड़ान और लैंडिंग सुनिश्चित करने वाली सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है. इसे हम आकाश का ट्रैफिक पुलिस भी कह सकते हैं. जैसे सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस गाड़ियों की आवाजाही को नियंत्रित करती है, वैसे ही ATC का काम आसमान में उड़ रही फ्लाइट्स की सुरक्षित आवाजाही को संभालना है. एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में रेडार, नेविगेशन और कम्युनिकेशन उपकरण शामिल होते हैं.
पायलट लगातार ATC से संपर्क में रहते हैं और उन्हें इस बात की जानकारी दी जाती है कि कब टेकऑफ करना है, किस ऊंचाई पर उड़ना है और कब सुरक्षित तरीके से लैंड करना है. अगर ATC सिस्टम काम करना बंद कर दे, तो जहाज़ों के बीच टकराव का खतरा बढ़ सकता है. यही कारण है कि जैसे ही रायपुर में ATC ठप हुआ, तुरंत सभी फ्लाइट्स को डाइवर्ट कर दिया गया.
यह है रायपुर का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट
आपको बता दें कि रायपुर का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट छत्तीसगढ़ का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है, जहां से रोज़ाना लगभग 26 फ्लाइट्स का संचालन होता है. ये फ्लाइट्स देश के अलग-अलग कोनों को रायपुर से जोड़ती हैं. छोटे और बड़े विमानों के जरिए हज़ारों यात्री रोज़ाना यहां से सफर करते हैं. ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब कोई एयरपोर्ट 24 घंटे के लिए बंद हो जाए, तो कितनी बड़ी संख्या में यात्री प्रभावित होते हैं. यात्रियों की परेशानी के साथ-साथ एयरलाइंस और एयरपोर्ट अथॉरिटी को भी करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ता है.
यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा
घटना के बाद सबसे ज़्यादा परेशानी यात्रियों को उठानी पड़ी. एयरपोर्ट पर पहुंचे यात्रियों को अचानक पता चला कि उनकी फ्लाइट्स कैंसल हो गई हैं. लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही थी. कई यात्री ऐसे थे जिन्हें दूसरे राज्यों तक ही जाना था, जबकि कुछ ऐसे भी यात्री मौजूद थे जिन्हें विदेश की फ्लाइट पकड़नी थी. उनकी कनेक्टिंग फ्लाइट्स छूट गईं और लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद समय पर न पहुंच पाने के कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा. सबसे बड़ी शिकायत यह रही कि एयरपोर्ट की तरफ से यात्रियों को कोई अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई. कई यात्रियों को खुद होटल में रुकने का इंतज़ाम करना पड़ा और जेब से पैसे खर्च करने पड़े.
सुबह जब वे दोबारा एयरपोर्ट पहुंचे, तो उन्हें फिर से इंतज़ार करना पड़ा. इस दौरान यात्रियों और एयरपोर्ट कर्मचारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली. कर्मचारियों का कहना था कि सुबह तक फ्लाइट्स बहाल कर दी जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कई यात्री जो 200-250 किलोमीटर दूर से आए थे, वे एयरपोर्ट पर ही पूरी रात इंतज़ार करने को मजबूर हो गए.
बिजली गिरने से ATC प्रभावित हो गया था
इस पूरे मामले पर रायपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रभारी डायरेक्टर किशोर कुमार लहरे ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मंगलवार को आकाशीय बिजली गिरने से एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी ATC सिस्टम प्रभावित हो गया था. इस वजह से कल शाम पांच फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा. उनका कहना है कि बिजली गिरने के कारण नेविगेशन सिस्टम में तकनीकी खराबी आई, जिसके बाद तुरंत सुरक्षा के लिहाज़ से सभी फ्लाइट्स का संचालन रोकना पड़ा. उन्होंने आगे बताया कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है.
दोबारा शुरू हुई फ्लाइट्स
फिलहाल फ्लाइट्स का संचालन दोबारा शुरू कर दिया गया है. अब तक एक फ्लाइट लैंड कर चुकी है और दो और फ्लाइट्स के आने की संभावना जताई गई है. हालांकि, सिस्टम की जांच और मरम्मत का काम अभी भी जारी है और पूरी तरह सामान्य होने में कुछ समय लगेगा.
