CG News: छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटाला मामले में बड़ी खबर सामने आई है. मामले में सौम्या के करीबी जयचंद कोसले ने EOW की स्पेशल कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज जयचंद कोसले की याचिका को खारिज कर दिया है.
सौम्या चौरसिया का है करीबी
मामले में अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सहायक खनिज संचालक के पुत्र जयचंद कोसले के रायपुर और अकलतरा स्थित घरों पर छापा मारा था. बताया जा रहा है कि जयचंद लंबे समय से जांच एजेंसी की निगरानी में था और वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया का करीबी सहयोगी है.
जयचंद के जरिए सौम्या तक पहुंचती थी वसूली की रकम
जांच में खुलासा हुआ था कि अवैध कोयला परिवहन से होने वाली वसूली की रकम जयचंद के जरिए सौम्या तक पहुंचाई जाती थी. सूत्रों के अनुसार, जयचंद ने सौम्या के करीब 50 करोड़ रुपये का निवेश कराया था, जबकि खुद उसने इस गोरखधंधे से 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी. इन पैसों से उसने रायपुर के सेजबहार कॉलोनी में आलीशान बंगला और अकलतरा के अंबेडकर चौक के पास पैतृक मकान सहित करोड़ों की संपत्ति खड़ी की थी. जयचंद से ईडी पहले भी कई बार पूछताछ कर चुकी है.
जानकारी के मुताबिक, जयचंद कोसले नगर निगम में कर्मचारी था और जब सौम्या चौरसिया रायपुर निगम में अपर आयुक्त थीं, तब वह उनके निजी सहायक के रूप में काम करने लगा. बाद में सौम्या के मुख्यमंत्री की उप सचिव बनने पर जयचंद की तैनाती भी वहीं करा दी गई. वह उनके सभी निजी कामकाज, पैसों के लेनदेन और निवेश से जुड़े मामलों को देखता था. सरकार बदलने के बाद भी उसने अपनी पोस्टिंग पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बंगले में करवा ली थी.
ये भी पढे़ं- CG News: पुलिस अधिकारी की पदोन्नति रद्द करना अवैध, हाई कोर्ट ने 3 माह में सभी को लाभ देने का दिया निर्देश
कोयला घोटाला मामले में 36 लोगों के खिलाफ FIR
ईडी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कोयले के परिचालन और परमिट प्रक्रिया में हेराफेरी कर करीब 570 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली की गई थी. इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. जांच में सामने आया कि कोयला परिवहन के दौरान व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन परमिट व्यवस्था को जानबूझकर ऑफलाइन किया गया था. इस संबंध में खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था, जिसके बाद यह अवैध लेन-देन तेजी से बढ़ गया.
