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Kanker: ‘बस्तर में हो रही शांति की स्थापना… ‘ 21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर CM साय ने कहा- नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है

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CM विष्णु देव साय

kanker 21 Naxalites Surrender: छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है. कुछ दिनों पहले 210 नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद एक बार फिर नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं. 26 अक्टूबर को कांकेर जिले के अंतागढ़ में 21 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इस सफलता पर CM विष्णु देव साय ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है. बस्तर तेजी से शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है.

‘बस्तर में हो रही शांति की स्थापना… ‘

CM विष्णु देव साय ने कहा- ‘पूना मारगेम से जनविरोधी माओवादी विचारधारा का खात्मा, बस्तर में हो रही शांति की स्थापना. आज कांकेर जिले में पूना मारगेम-पुनर्वास से पुनर्जीवन पहल के तहत 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया है. यह हमारी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 और नियद नेल्ला नार योजना की सफलता का सार्थक प्रमाण है, जिससे नक्सल प्रभावित इलाकों में विश्वास और बदलाव की नई बयार बह रही है.’

उन्होंने आगे कहा- ‘माओवाद की झूठी विचारधारा से भटके युवा अब यह समझने लगे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है. हम इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है. उसी का परिणाम है कि लगातार माओवादी संगठन कमजोर हो रहे हैं और बड़ी संख्या में वे हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं. बस्तर अंचल में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और बस्तर तेजी से शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है. हमारी डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए संकल्पबद्ध है.’

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अंतागढ़ में 21 नक्सलियों ने किया सरेंडर

बता दें कि कांकेर जिले के अंतागढ़ में 21 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनमें 04 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 09 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 08 पार्टी सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है. आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिला कैडर और 08 पुरुष कैडर हैं, जिन्होंने सशस्त्र और हिंसक विचारधारा से स्वयं को अलग कर शांति और प्रगति के मार्ग को अपनाया है.

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