Kanker: देशभर में चुनाव आयोग द्वारा चल रहे SIR (विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण) अभियान के बीच कांकेर जिले के सरोना तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत लेंडारा और सरोना के 50 आदिवासी परिवारों ने प्रशासन की नींद उड़ाकर रख दी है.
आदिवासी परिवारों ने SIR का फॉर्म लेने से किया इंकार
यह परिवार न तो SIR फॉर्म लेने को तैयार हैं और न ही किसी सरकारी योजना से जुड़ना चाहते हैं. इतना ही नहीं, पिछले दो-तीन चुनावों से मतदान तक नहीं कर रहे. इनके नाम से राशन तो आता था लेकिन उनके राशन नही उठाने से उनके कोटा का राशन भी आना बंद हो गया. इतना ही नहीं दो परिवार का प्रधान मंत्री आवास आया तो बनाने से स्पष्ट मना कर दिए. ग्रामीण स्तर पर बैठक कर सरपंच, सचिव, पटवारी, बीएलओ सभी ने इन्हें समझाने के हर प्रयास कर चुके हैं, लेकिन ये परिवार बातचीत तक को तैयार नहीं है.
सरोना के बीएलओ रजमान नेताम बताते है. सरोना में 22 परिवार है जिन्होंने SIR फॉर्म लेने और उसे जमा करने से इंकार कर दिया है. इनके पास आधार कार्ड तक नहीं है. मैंने चार बार उनके घर जाकर समझाने की कौशिक की लेकिन उन्होंने साफ तौर पर इंकार कर दिया है. वो शासन के किसी भी योजना का लाभ नहीं लेना चाहते है.
कलेक्टर बोले- टीम भेजकर कर रहे कोशिश
कांकेर कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर कहते है. आपके माध्यम से पता चला है. कोई कुछ परिवार शासन का लाभ नहीं लेना चाहते है और SIR फॉर्म भी नहीं भर रहे है, हम टीम भेजकर उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे.
क्या है पूरा मामला?
आइए अब जानते है आखिर ये क्यो शासन की कोई भी योजना का लाभ नही लेना चाहते इसे लेकर हमने इन परिवार से बात करनी की कोशिश बात तो छोड़िए इन परिवारों ने कैमरा चलाने ही नहीं दिया, हालांकि ऑफ कैमरे में इन्होंने बताया कि भारत सरकार कुटुंब परिवार नामक संस्था से जुड़ने के बाद इनकी सोच पूरी तरह बदल गई. कथित तौर पर इन्होंने मतदान बंद कर दिया, 4 परिवार ने सरकारी राशन लेना छोड़ा, और शासन की योजनाओं से दूरी बना ली. अब SIR की प्रक्रिया के दौरान भी इन परिवारों ने BLO से फॉर्म तक नहीं लिया है.
