Kawardha News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक हॉस्टल की तीन छात्राएं अचानक बेहोश हो गईं. उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में लाया गया, जहां इलाज करने के बजाय वहां झाड़-फूंक शुरू हो गई. आरोप है कि शिक्षिकों ने यह झाड़-फूंक की.
अस्पताल में मेडिकल स्टाफ नहीं
पूरा मामला कवर्धा जिले के रेंगाखार बालिका छात्रावास का है. यहां की 3 छात्राएं अचानक बेहोश हो गईं. घटना के बाद तीनों छात्राओं को आनन-फानन में रेंगाखार सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल में पर्याप्त मेडिकल स्टाफ तक मौजूद नहीं था.
शिक्षिक पर झाड़-फूंक का आरोप
इस बीच अस्पताल से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई. यहां इलाज की जगह छात्रावास की एक शिक्षिका ने अस्पताल के अंदर ही झाड़-फूंक और टोटके का सहारा लेना शुरू कर दिया. एक व्यक्ति वहां जमीन में बैठ कुछ टोटका करने लगा और बाद में छात्राओं को कुछ पिलाते हुए भी कैमरे में कैद हुआ. जब स्थानीय युवकों ने इसका विरोध किया और पूछा कि इलाज की बजाय ये क्या हो रहा है तो शिक्षिका का जवाब था- ‘दोनों जरूरी हैं.’
जानकारी के मुताबिक पूरी घटना का वीडियो अस्पताल में मौजूद एक स्थानीय युवक ने बना लिया. वहीं, टीचर से अस्पताल में इलाज की बजाय अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया. इस घटना ने शिक्षिका और अस्पताल प्रबंधन- दोनों की गंभीर लापरवाही को उजागर कर दिया है. बता दें कि रेंगाखार का पूरा इलाका वनांचल है और ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली तथा इस तरह के अंधविश्वास पर निर्भरता चिंताजनक तस्वीर पेश करती है.
वहीं, इस घटना ने प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. इसके अलावा ये भी सवाल है कि आखिर अंधविश्वास कब दूर होगा? बच्चियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य किसके भरोसे हैं? जंगल क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था कब सुधरेगी?
